सिटी पोस्ट लाइव : बिहार के बाहुबली नेता आनंद मोहन को सुप्रीम कोर्ट का तगड़ा झटका लगा है.उनकी जेल से रिहाई को चुनौती देनेवाली याचिका पर सुनवाई के बाद कोर्ट ने उनके पासपोर्ट को जप्त करने का आदेश दिया है.कोर्ट ने आनंद मोहन को हर पखवाड़े यानी 15 दिन पर पुलिस थाने में हाजिरी लगाने का निर्देश भी दिया है. आनंद मोहन हर 15 दिन में पुलिस थाने में हाजिरी लगाएंगे साथ ही स्थानीय पुलिस थाने में अपना पासपोर्ट भी जमा करवाएंगे. सुप्रीम कोर्ट ने
केंद्र सरकार को नोटिस जारी करते हुए एक सप्ताह में जवाब देने के लिए कहा है. केंद्र सरकार की ओर पेश हुए वकील से कोर्ट ने कहा कि जवाब दाखिल करने के लिए ये आखिरी मौका है. अब कोर्ट इस मामले की विस्तृत सुनवाई 27 फरवरी को करेगा.दरअसल, दिवंगत आईएएस जी कृष्णैया की पत्नी उमा कृष्णैया की याचिका ने रिहाई का आदेश रद्द करने की मांग की है. उन्होंने कहा है कि आनंद मोहन को निचली अदालत से मौत की सजा मिली थी. इसे हाईकोर्ट ने उम्रकैद में बदल दिया. अब जेल नियमों में बदलाव कर आनंद मोहन को रिहा कर दिया गया.
बिहार के गोपालगंज के तत्कालीन जिलाधिकारी जी कृष्णैया की साल 1994 में हत्या कर दी गई थी. इसका आरोप बाहुबली नेता आनंद मोहन पर लगा था. जब ये मामला कोर्ट पहुंचा तो अदालत ने आनंद मोहन को दोषी करार देते हुए फांसी की सजा सुनाई थी. बाद में पटना हाईकोर्ट ने इस फांसी की सजा को आजीवन कारावास में बदल दिया.साल 2023 के अप्रैल महीने में बिहार सरकार ने आनंद मोहन को रिहा करने का फैसला किया. सरकार ने 14 साल जेल में बिताने को आधार मानकर आनंद मोहन को रिहा कर दिया था. जिसका दिवंगत आईपीएस जी कृष्णैया के परिवार ने विरोध किया है.