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पटना: बिहार के बेगूसराय जिले में एक दर्दनाक घटना सामने आई है, जहां एक गर्भवती महिला की मौत हो गई। आरोप है कि महिला के अबॉर्शन के दौरान डॉक्टर ने ऑपरेशन कर दिया और इसके बाद उसे दर्द शुरू हो गया। डॉक्टर ने बिना सोचे-समझे 4-5 इंजेक्शन दिए, जिससे महिला की हालत और बिगड़ गई और उसकी मौत हो गई। महिला ने 15 दिन पहले गर्भपात की दवा खाई थी, जिसके बाद ब्लीडिंग होने लगी थी।
मृतका की पहचान छोटी मौजी के रामविनय साह की पत्नी सोनी देवी के रूप में हुई है। यह घटना बखरी थानाक्षेत्र के मजार गली स्थित एक निजी क्लिनिक की है। सोनी के पति रामविनय साह ने बताया कि उनकी पत्नी डेढ़ महीने की गर्भवती थी, और जब उसे गर्भवती होने का पता चला, तो उसने 15 दिन पहले गर्भपात की दवा ली थी। इसके बाद उसे ब्लीडिंग होने लगी, लेकिन कुछ दिन बाद लगा कि स्थिति सामान्य हो गई है। हालांकि, ब्लीडिंग बंद नहीं हुई और इस पर रामविनय ने इलाज के लिए गांव के एक झोलाछाप डॉक्टर से संपर्क किया। डॉक्टर ने बखरी में इलाज कराने की सलाह दी और सोनी को वहां लेकर आए।
बखरी में अल्ट्रासाउंड से पता चला कि गर्भ में गंदगी है, जिसे साफ करना जरूरी था। इसके बाद, रामविनय ने अपनी पत्नी का इलाज बखरी के मजार गली स्थित डॉक्टर अशोक तांती के क्लिनिक में कराया। डॉक्टर ने सोनी को बेहोश कर ऑपरेशन किया और बताया कि उसकी बच्चेदानी के पास मांस बढ़ा हुआ था, जिसे हटा दिया गया है।
हालांकि, ऑपरेशन के कुछ समय बाद सोनी को तेज दर्द हुआ और पति ने झोलाछाप डॉक्टर नीतीश कुमार को इसकी सूचना दी। नीतीश ने उसे एक इंजेक्शन दिया, लेकिन फिर सोनी को हिचकी आने लगी। इसके बाद डॉक्टर ने सोनी को चार-पाँच इंजेक्शन दिए, जिससे उसकी हालत और बिगड़ गई और उसकी मौत हो गई। मृतका के शव को आरोपी डॉक्टर बेहतर इलाज का बहाना बनाकर गाड़ी में लेकर फरार हो गया, और छह घंटे बाद महिला का शव एक निजी अस्पताल से बरामद हुआ।