AI इंजीनियर के पिता बोले-पोता जिंदा है या मार दिया.

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सिटी पोस्ट लाइव : पत्नी और ससुराल पक्ष की प्रताड़ना से तंग आकर बेंगलोर में आत्महत्या करनेवाले AI इंजीनियर अतुल सुभाष के ससुराल पक्ष के खिलाफ पुलिस ने बड़ी कारवाई की है.सुसाइड केस में बेंगलुरु पुलिस ने उनकी पत्नी, सास और साले को गिरफ्तार कर लिया है. बहू की गिरफ्तारी के बाद अतुल सुभाष के पिता पवन कुमार मोदी ने कहा कि लड़की वालों की गिरफ्तारी से एक उम्मीद जगी है, लेकिन न्याय अभी बाकी है. उन्होंने अतुल-निकिता के बेटे और अपने पोते व्योम की कस्टडी मांगी है.

पवन कुमार ने अपील की, ‘मुझे मेरा पोता वापस दिलवा दीजिए. पता नहीं वो कहां है, कैसा है. उसे मार दिया गया है या वो जिंदा है, ये भी नहीं पता है. आज तक उसे गोद में नहीं खिलाया है. बस वीडियो कॉल पर देखा है. मैंने आज तक अपना दर्द किसी से नहीं कहा. एक दादा के लिए उसका पोता बेटे से ज्यादा प्यारा होता है. पोते को वापस दिलवा दीजिए.’ शनिवार को गिरफ्तारी के बाद इन सभी को कोर्ट के सामने पेश किया, जहां से न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया. बेंगलुरु पुलिस के DCP शिवाकुमार ने कहा- अतुल सुभाष की सास निशा सिंघानिया और साले अनुराग को प्रयागराज से, जबकि पत्नी निकिता को गुरुग्राम से गिरफ्तार किया गया.

अतुल ने 9 दिसंबर को बेंगलुरु के फ्लैट में सुसाइड किया था. आत्महत्या से पहले 1.20 घंटे का वीडियो बनाया. इसमें पत्नी निकिता और उनकी फैमिली पर हैरेसमेंट का आरोप लगाया. अतुल के भाई की एप्लीकेशन पर बेंगलुरु में 4 लोगों पर FIR दर्ज हुई. इसमें पत्नी निकिता, सास निशा, साले अनुराग और चाचा ससुर सुशील सिंघानिया का नाम है.

अतुल सुभाष के पिता पवन कुमार मोदी ने बेटे की अस्थियों को लेकर पिता ने कहा कि, ‘मैं अस्थि कलश लेकर आया हूं, जबकि हिंदुओं में ऐसा होता नहीं है. अभी मैं अस्थियां प्रवाहित नहीं करूंगा, क्योंकि न्याय बाकी है. अभी भी मेरे पर केस है. अतुल सुभाष के जज पर लगाए आरोपों पर पवन कुमार मोदी ने कहा कि,’जज करप्ट थी, तभी तो पैसे मांग रही थी. लेकिन मेरा बेटा इन चीजों के सख्त खिलाफ था, वो पेनाल्टी भर देगा, लेकिन घूस नहीं देगा.’

मूल रूप से बिहार के समस्तीपुर के रहने वाले अतुल सुभाष ने बेंगलुरु में सुसाइड कर लिया था. उनका शव बेंगलुरु के मंजूनाथ लेआउट में उनके फ्लैट से बरामद हुआ था. 34 साल के अतुल सुभाष ने 8 दिसंबर की देर को 1:20 घंटे का वीडियो और 24 पेज का लेटर जारी कर कहा है कि उनके पास आत्महत्या के सिवा कोई उपाय नहीं बचा है.सुभाष ने पत्नी निकिता सिंघानिया, सास, साले और चचेरे ससुर को मौत का जिम्मेदार बताया था. सुसाइड से पहले उन्होंने कोर्ट के सिस्टम र पुरुषों के खिलाफ झूठे केस पर भी सवाल उठाए.अतुल सुभाष ने 24 पेज का सुसाइड लेटर लिखा और अपनी जिंदगी खत्म कर ली. सुसाइड नोट की शुरुआत ‘जस्टिस इज ड्यू’ यानी ‘इंसाफ बाकी है’ से होती है.

इसमें अतुल लिखते हैं- मेरी पत्नी ने मेरे खिलाफ 9 केस दर्ज करवाए। इसमें से 2022 में दर्ज हत्या और अननेचुरल सेक्स का भी एक मामला है. बाद में उसने ये केस वापस ले लिया था. बाकी केसों में दहेज प्रताड़ना, तलाक और मेंटेनेंस के मामले हैं, जो जिला कोर्ट और हाईकोर्ट में चल रहे हैं.अतुल सुभाष ने 9 दिसंबर को इंटरनेट पर 1.20 घंटे का वीडियो जारी कर बताया था कि उसके पास आत्महत्या के अलावा कोई उपाय नहीं बचा है.अतुल ने जौनपुर कोर्ट के प्रिंसिपल फैमिली जज रीता कौशिक पर भी गंभीर आरोप लगाए. अतुल ने कहा कि मैंने जज को बताया कि NCRB की रिपोर्ट बताती है कि देश में बहुत सारे पुरुष झूठे केस की वजह से आत्महत्या कर रहे हैं, तो पत्नी ने बीच में कहा कि तुम भी आत्महत्या क्यों नहीं कर लेते हो. इस बात पर जज हंस पड़ी और कहा कि ये केस झूठे ही होते हैं, तुम परिवार के बारे में सोचो और केस को सेटल करो. मैं केस सेटल करने के 5 लाख रुपए लूंगी.

मेरी पत्नी, सास और उसके चाचा सुशील सिंघानिया ने 1 करोड़ रुपए की डिमांड की, जो अब बढ़कर 3 करोड़ रुपए हो गई है. कोर्ट ने मेरे 4.5 साल के बेटे की देखभाल के लिए 80,000 रुपए महीने देने का आदेश दिया. इससे मेरा तनाव बढ़ गया.मैं 3 साल से बेटे से मिल नहीं सका था, जबकि मैंने कई बार कोर्ट में इसके लिए आवेदन किया था. पत्नी ने 2 लाख रुपए महीने की डिमांड की थी, जबकि वो एक पढ़ी-लिखी और कामकाजी महिला हैं. मल्टीनेशनल कंपनी में काम करती हैं.

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