रोहतास: रेड लाइट एरिया से 45 नाबालिगों का रेस्क्यू, मानव तस्करी गिरोह का पर्दाफाश

दूसरे राज्यों से लाई गई थीं लड़कियां, जबरन कराए जाते थे डांस और अन्य अवैध काम

Rahul
By Rahul

सिटी पोस्ट लाइव

रोहतास। रोहतास जिले के नटवार बाजार स्थित एक कुख्यात रेड लाइट एरिया में गुरुवार को पुलिस ने बड़ी कार्रवाई करते हुए 45 नाबालिग युवक-युवतियों को मुक्त कराया। इस छापेमारी में पुलिस ने 41 लड़कियां और 4 लड़कों का रेस्क्यू किया। पुलिस की इस कार्यवाही से इलाके में हड़कंप मच गया है। स्थानीय सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, इन नाबालिगों को दूसरे राज्यों से लाकर जबरन डांस और अन्य अवैध गतिविधियों में धकेला जा रहा था। फिलहाल पुलिस द्वारा सभी युवक-युवतियों के उम्र और पहचान का सत्यापन किया जा रहा है और आगे की कानूनी कार्रवाई के लिए प्रक्रिया जारी है।

इस दौरान पुलिस ने मौके से पांच अभियुक्तों को गिरफ्तार किया है, जो इस मानव तस्करी और जबरन श्रम के कारोबार में संलिप्त थे। पुलिस उनसे गहराई से पूछताछ कर रही है ताकि इस रैकेट में शामिल अन्य लोगों तक भी पहुंचा जा सके। हालांकि, छापेमारी के दौरान कई युवतियों के भागने की भी सूचना मिली है, जिन्हें पकड़ने के लिए पुलिस टीमों को अलर्ट कर दिया गया है।

मानव तस्करी के बड़े रैकेट का पर्दाफाश

पुलिस अधीक्षक रौशन कुमार ने जानकारी देते हुए बताया कि पुलिस को गुप्त सूचना मिली थी कि नटवार थाना क्षेत्र में लंबे समय से एक संगठित गिरोह सक्रिय है, जो अन्य राज्यों से लड़कियों को लाकर जबरन डांस और अन्य गतिविधियों में शामिल करता है। इस सूचना के आधार पर पुलिस ने एनजीओ की मदद से इस बड़े ऑपरेशन को अंजाम दिया और 45 नाबालिगों को सुरक्षित रेस्क्यू किया गया। गिरफ्तार किए गए पांच अभियुक्तों पर संदेह है कि वे मानव तस्करी से जुड़े हुए हैं और लंबे समय से इस गंदे धंधे में शामिल थे। पुलिस अब इनसे पूछताछ कर रही है ताकि इस गिरोह के अन्य सदस्यों और उनके नेटवर्क का भी खुलासा हो सके।

CWC के समक्ष पेश किए बरामद बच्चे

रेस्क्यू किए गए सभी नाबालिग युवक-युवतियों को सासाराम स्थित बाल कल्याण समिति (CWC) के समक्ष पेश किया गया, जहां उनकी उम्र, घर का पता और अन्य दस्तावेजों की जांच की जा रही है। समिति द्वारा यह भी सुनिश्चित किया जा रहा है कि इन बच्चों को सही तरीके से पुनर्वास मिल सके और वे सुरक्षित माहौल में रह सकें। पुलिस ने बताया कि सत्यापन प्रक्रिया पूरी होने के बाद बच्चों को उनके परिवारों को सौंपने या अन्य पुनर्वास योजनाओं के तहत रखने पर विचार किया जाएगा।

कार्रवाई से रेड लाइट इलाकों में हड़कंप

इस छापेमारी के बाद रोहतास जिले के कई अन्य रेड लाइट इलाकों में अफरातफरी मच गई है। पुलिस का कहना है कि जिले में अन्य राज्यों से लड़कियां लाकर उनका शोषण करने वाले कई संगठित गिरोह सक्रिय हैं। इस कार्रवाई के बाद ऐसे गिरोहों के सरगनाओं में दहशत का माहौल है। स्थानीय सूत्रों के अनुसार, कई अन्य जगहों पर भी इसी तरह के अवैध कारोबार चल रहे हैं, जहां मासूम लड़कियों और बच्चों को गुमराह कर या बहला-फुसलाकर इस दलदल में धकेला जाता है। पुलिस अब इन इलाकों में भी सघन जांच अभियान चला रही है ताकि मानव तस्करी के इस पूरे नेटवर्क को ध्वस्त किया जा सके।

बड़े खुलासे की संभावना

रोहतास एसपी रौशन कुमार ने कहा कि यह कार्रवाई केवल एक शुरुआत है। इस मामले में अभी और भी कई बड़े खुलासे हो सकते हैं। गिरफ्तार अभियुक्तों से पूछताछ के बाद अन्य राज्यों में फैले इस नेटवर्क की पूरी जानकारी सामने आ सकती है। एसपी ने यह भी बताया कि पुलिस जल्द ही इस मामले में शामिल अन्य लोगों की पहचान कर कड़ी कार्रवाई करेगी।

क्या कहता है कानून?

भारत में मानव तस्करी (Human Trafficking) एक गंभीर अपराध है और इस पर भारतीय दंड संहिता (IPC) की धारा 370 और 370A के तहत कठोर दंड का प्रावधान है। इसके अलावा, बाल संरक्षण अधिनियम और पॉक्सो (POCSO) एक्ट के तहत भी इस मामले में कड़ी कार्रवाई हो सकती है। इस मामले में पुलिस अब पॉक्सो, मानव तस्करी कानून और अन्य धाराओं के तहत मुकदमा दर्ज करने की तैयारी कर रही है ताकि आरोपियों को सख्त से सख्त सजा दिलाई जा सके।

पुलिस ने की अपील, अवैध गतिविधियों की सूचना दें

इस घटना के बाद पुलिस ने आम जनता से अपील की है कि अगर उन्हें कहीं भी इस तरह की अवैध गतिविधियों की जानकारी मिले तो तुरंत पुलिस को सूचित करें। पुलिस ने हेल्पलाइन नंबर जारी किए हैं, जहां इस तरह की घटनाओं की सूचना दी जा सकती है। रोहतास जिले में हुई इस बड़ी कार्रवाई ने मानव तस्करी के एक बड़े नेटवर्क का पर्दाफाश किया है। 45 नाबालिगों को रेस्क्यू कर उन्हें सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है, जबकि पांच मुख्य आरोपियों को गिरफ्तार कर उनसे पूछताछ जारी है। इस कार्रवाई के बाद अन्य रेड लाइट इलाकों में भी पुलिस का शिकंजा कसने लगा है। एसपी रौशन कुमार का कहना है कि यह ऑपरेशन केवल एक शुरुआत है और आने वाले दिनों में पुलिस इस पूरे नेटवर्क को उखाड़ फेंकने के लिए और भी कड़े कदम उठाएगी।

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