21 साल में IAS बन रिकॉर्ड बनानेवाली क्यों गई जेल?

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सिटी पोस्ट लाइव :  स्‍कूल , यूनिवर्सिटी, हर परीक्षा में हमेशा टॉपर रहनेवाली और 21 साल की उम्र में ही  आईएएस (IAS) बनकर ‘लिम्का बुक ऑफ रिकॉर्ड्स’ में अपना नाम  दर्ज करानेवाली पूजा सिंघल आखिर जेल क्यों चली गईं? अब 28 महीने बाद उन्‍हें जमानत मिली है .झारखंड कैडर की आईएएस अधिकारी पूजा सिंघल  झारखंड में मनरेगा घोटाले घोटाले में नाम आने के कारण ईडी के निशाने पर आ गईं.ईडी ने पहले उनके कई ठिकानों पर छापेमारी की और बाद में उनको गिरफ्तार भी कर लिया.उन पर मनरेगा घोटाले की राशि का मनी लॉन्ड्रिंग करने का आरोप है. उन्‍हें 11 मई 2022 को गिरफ्तार किया गया था. तब से वह लगातार जेल में थीं. आज ईडी कोर्ट ने तकरीबन 28 महीने बाद उन्‍हें जमानत दे दी है. कोर्ट ने दो-दो लाख रुपये के निजी मुचलके पर उन्‍हें जमानत देने का आदेश दिया है.

एकबार फिर से  पूजा सिंघल एक बार फिर से सुर्खियों में हैं.निलंबित आईएएस पूजा सिंघल मूल रूप से उत्‍तराखंड के देहरादून की रहने वाली हैं. वर्ष 1999 में संघ लोक सेवा आयोग की सिविल सर्विसेज की परीक्षा दी और पहले प्रयास में ही यूपीएससी परीक्षा पास कर ली. महज 21 साल की उम्र में वह आईएएस के लिए सेलेक्‍ट हो गईं. ट्रेनिंग के बाद वह 2000 बैच की आईएएस बन गईं. इतनी कम उम्र में यूपीएससी जैसी परीक्षा पास करने वाली वह इकलौती उम्‍मीदवार थीं, लिहाजा उनका नाम लिम्‍का बुक ऑफ रिकॉर्ड्स में दर्ज हो गया.


आईएएस पूजा सिंघल अलग-अलग विभागों में कई पदों पर रहीं. आईएएस बनने के बाद उनकी पहली पोस्‍टिंग झारखंड के हजारीबाग में हुई थी. इसके बाद 16 फरवरी 2009 से 14 जुलाई 2010 तक वह खूंटी जिले की डिप्‍टी कमिश्‍नर रहीं. इसी दौरान उन पर मनरेगा फंड से 18 करोड़ की हेराफेरी के आरोप लगे. जब वह चतरा की डिप्‍टी कमिश्‍नर रहीं, तो यहां भी उनके खिलाफ इसी तरह के आरोप लगे. यहां भी उन पर 4 करोड़ रुपये के मनरेगा फंड में गड़बड़ी के आरोप लगे. पलामू में भी उन पर खदानों के लिए नियमों में ढील देकर जमीन आवंटित करने के आरोप लगे.

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