हजारों भूमाफिया- बेनामी संपत्ति मालिकों का डाटा तैयार, भेजा जाएगा नोटिस.

City Post Live

सिटी पोस्ट लाइव : आयकर विभाग ने भूमाफिया और बेनामी संपत्ति मालिकों पर शिकंजा कसने की तैयारी में है.ऐसे लोगों को नोटिस भेंजा  जा रहा है. संतोषजनक जवाब नहीं मिलने पर विभाग सख्त कार्रवाई करेगा.आयकर महानिदेशालय के खुफिया एवं आपराधिक जांच विभाग ने दरभंगा, फारबिसगंज, हाजीपुर, मुजफ्फरपुर, पटना, पूर्णिया और किशनगंज के अलावा झारखंड के कई शहरों के  5200 से अधिक लोगों की सूची तैयार की है.सूत्रों की मानें तो डाटा में दरभंगा उच्च स्तर पर है, यहां के भूमाफिया और बेनामी संपत्ति मालिकों की संख्या दूसरे शहरों की तुलना में अधिक है. जिले के निबंधन कार्यालय से सारी जानकारी हासिल करने के बाद डाटा तैयार किया है.

सीमांचल के गुंडा बैंक पर 2022 में लगाम लगाने के लिए पटना हाईकोर्ट ने एडीजी डॉ. कमल किशोर सिंह की अध्यक्षता में एसआईटी गठन का आदेश दिया था. इस पर कार्रवाई के दौरान कटिहार के मुफस्सिल थाना क्षेत्र में वर्ष 2020 में ट्रिपल मर्डर मामले में न्यायमूर्ति संदीप कुमार की एकल पीठ ने जब सुनवाई की तो सूद पर रुपये लेने वाले जरूरतमंद लोगों से जमीन लिखवाने की बात सामने आई थी.तब से आयकर विभाग इस दिशा में काम कर रहा है. भूमि खरीद में संबंधितों ने जो कैश ट्रांजेक्शन किया है, उनकी आय का स्रोत क्या है, यह जानने के लिए आयकर विभाग ने बड़े पैमाने पर लोगों को रडार पर ले रखा है.

सर्वे में यह बात सामने आई है कि 30 लाख से अधिक की खरीद-बिक्री की सूचना आयकर विभाग को नहीं दी जा रही है. ऐसे में संबंधित लिपिकों को चिह्नित किया गया है, ताकि उनपर शिकंजा कसा जाए. इसमें कई ऐसे भी कर्मी शामिल हैं जो सर्किल रेट से कम में भूमि रजिस्ट्री कराने के लिए जमीन के नेचर को बदलकर रिपोर्ट करते हैं.भूमाफिया औने-पौने भाव में जमीन खरीद कर ऊंचे दामों पर बेचते हैं. इसे लेकर भूमि मालिक से डीड बनाकर रख लेते हैं, ताकि बेचने में सहूलियत हो सके. दूसरी ओर विभाग की मिलीभगत से वाणिज्य भूमि को सामान्य बताकर निबंधन करा लिया जाता है.सर्किल दर से कम में भूमि की रजिस्ट्री करा दी जाती है.ऐसे लोग लाखों की कमाई तो करते हैं, लेकिन टैक्स नहीं देते. दूसरी ओर भूमि खरीदने वाले पत्नी, बच्चे, रिश्तेदार अथवा फेक नाम से रजिस्ट्री तो कराते हैं, लेकिन रिटर्न में इसका उल्लेख नहीं करते हैं.

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