सिटी पोस्ट लाइव : बिहार के चर्चित मुजफ्फरपुर बालिका गृह कांड में किंगपिन ब्रजेश ठाकुर समेत तीन आरोपियों की रिहाई के बाद अब सबकी निगाहें तत्कालीन समाज कल्याण मंत्री मंजू वर्मा और उनके पति चंद्रशेखर वर्मा पर टिकी हैं.बेगूसराय के एमपी एमएलए कोर्ट 17 जनवरी को इस मामले पर अपना फैसला सुनायेगा. 17 अगस्त 2018 को सीबीआई ने मंजू वर्मा और उनके पति के बेगूसराय जिले के चेरिया बरियारपुर स्थित पैतृक घर पर छापेमारी की थी. इस दौरान एक बक्से से प्रतिबंधित अत्याधुनिक हथियार जैसे इंसास और एसएलआर राइफल की 50 गोलियां बरामद हुई थीं. इसके बाद सीबीआई ने आर्म्स एक्ट के तहत मामला दर्ज किया.
मंजू वर्मा के खिलाफ चल रहे इस मामले में सुनवाई के दौरान आठ गवाहों की गवाही ली जा चुकी है.अब 17 जनवरी को न्यायालय अपना फैसला सुनाएगी. इस मामले में मंजू वर्मा और उनके पति के खिलाफ अदालत में अभियोजन पक्ष ने आरोप साबित करने की कोशिश की है, जबकि उनके वकील इस पर बचाव कर रहे हैं.मुजफ्फरपुर बालिका गृह कांड में ब्रजेश ठाकुर का नाम आने के बाद मंजू वर्मा ने 8 अगस्त 2018 को बिहार सरकार के समाज कल्याण मंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था. इसके बाद 17 अगस्त 2018 को सीबीआई ने उनके ससुराल से हथियार बरामद किए थे.
मंजू वर्मा और उनके पति के खिलाफ लंबी कानूनी प्रक्रिया चली और कई बार उनकी अग्रिम जमानत याचिकाएं खारिज हुईं. आखिरकार दोनों को जेल भेज दिया गया था. अब 17 जनवरी को इस मामले का फैसला होने जा रहा है, जिसे लेकर सभी की नजरें इस फैसले पर टिकी हैं.कोर्ट के फैसले पर ही इस दम्पति का राजनीतिक भविष्य टिका हुआ है.