सिटी पोस्ट लाइव : राष्ट्रीय सुरक्षा एजेंसी NIA ने बुधवार को बिहार में एकसाथ 5 जगहों पर छापेमारी की है. एनआइए ने जाली नोट का आतंकी कनेक्शन खंगालने के लिए बुधवार को रेड मारा. पिछले साल सितंबर महीने में बिहार-नेपाल बॉर्डर इलाके में मोतिहारी जिले में तीन युवकों को जाली नोटों के साथ पकड़ा था. तीनों युवक बिहार के अलग-अलग जिले के रहने वाले थे.तीनों आरोपित अभी जेल में बंद हैं. इनमें कोई इंजीनियर है तो कोई इंजीनियरिंग का छात्र भी शामिल हैं.
मोतिहारी में 5 सितंबर 2024 को जाली नोटों के साथ भागलपुर का नजरे सद्दाम, भोजपुर का मोहम्मद वारिस और पटना जिले का मो. जाकिर हुसैन को गिरफ्तार किया गया था.इनके पास से 500-500 रुपए के 390 जाली नोट बरामद किए गए थे. जनरे सद्दाम पेशे से सॉफ्टवेयर इंजीनियर है और ऑनलाइन सामान की खरीद-बिक्री डील करता है. वो एनजीओ भी चलाता है. एनजीओ के लिए उनके बेटे ने मोतिहारी के किसी व्यक्ति से फंड मांगा था. उसने जो चेक दिया वो बाउंस हो गया था. उसके बाद कैश देने बुलाया और नकद रूपए दिए थे. मो. वारिस सीतामढ़ी के पुपुरा में एक पॉलिटेक्निक कॉलेज से इंजीनियरिंग कर रहा था. सूत्र बताते हैं कि उसके ममेरे भाई ने कहा कि एक व्यक्ति के पास उसका बकाया पैसा है वो ले आओ. जिसके बाद उसने भागलपुर के नजरे सद्दाम से फोन कॉल पर बात की थी. उस समय रक्सौल पुलिस ने नजरे सद्दाम के फोन कॉल को ट्रैकिंग पर रखा था. उसके आधार पर ही पहले मो. वारिस पकड़ाया और बाद में मोतिहारी बस स्टैंड से मो. नजरे सद्दाम गिरफ्तार हुआ था.
पूर्वी चंपारण के बंजरिया थाना में थानेदार इंद्रजीत पासवान के बयान पर जो प्राथमिकी इस मामले में दर्ज है उसमें जिक्र है कि नेपाल के परसा निवासी राजेश सहनी, जम्मू के अनंतनाग का सरफराज उर्फ मुजफ्फर अहमद बानी और पटना के मो. जाकिर हुसैन, भागलपुर के नजरे सद्दाम व भोजपुर के मो. वारिस इस मामले में आरोपित हैं. प्राथमिकी में पुलिस ने जिक्र किया है कि 5 सितंबर 2024 को बंजरिया थाना क्षेत्र में इनपुट के आधार पर वाहन चेकिंग के दौरान 1 लाख 95 हजार के भारतीय जाली नोट के साथ तीन धंधेबाज नजरे सद्दाम, मो. वारिस और जाकिर हुसैन पकड़ाए थे. पूछताछ में जम्मू कश्मीर और पाकिस्तान कनेक्शन की बात सामने आयी है.