सिटी पोस्ट लाइव : मनी लॉन्ड्रिंग में जेल में कैद निलंबित आईएएस पूजा सिंघल ने जमानत पाने के लिए नया दांव चल दिया है. 6 दिसंबर को जमानत याचिका पर सुनवाई होनी है. मनरेगा घोटाले की राशि का मनी लॉन्ड्रिंग करने की आरोपी पूजा सिंघल 28 माह से जेल में बंद हैं. मंगलवार को जेल अधीक्षक की ओर से ईडी कोर्ट में दाखिल जवाब के अनुसार पूजा सिंघल 28 माह से जेल में बंद हैं. ईडी कोर्ट ने मामले में बिरसा मुंडा केंद्रीय कारा होटवार के जेल अधीक्षक से रिपोर्ट मांगी थी. पूजा सिंघल की ओर से नए कानून बीएनएस का हवाला देते हुए ईडी कोर्ट से जमानत की गुहार लगाई है.
पूजा सिंघल ने दांव चलते हुए जेल से ही बंदी पत्र स्वयं लिखकर कोर्ट को भेजा है. जमानत के लिए बीएनएस की धारा 479 का हवाला देते हुए जमानत की मांग की है. इस अधिनियम के तहत कोई आरोपित, जिसका पहला अपराध है और उस धारा में होने वाली अधिकतम सजा का एक तिहाई अंडर ट्रायल में काट चुका है तो वह आरोपित जमानत का हकदार होता है. पूजा सिंघल ने इसको लेकर जेल से ही बंदी पत्र लिखकर भेजा .सुनवाई के दौरान अधिवक्ता ने बताया कि एक्ट के अनुसार उस बंदी पत्र को जेल अधीक्षक के माध्यम से कोर्ट पहुंचना चाहिए था. लेकिन पूजा सिंघल ने स्वयं लिखकर भेज दिया है. पूजा सिंघल को ईडी टीम ने पूछताछ के दौरान 11 मई 2022 को गिरफ्तार किया था. तब से वह जेल में है.एक महीने के लिए औपबंधिक जमानत पर बाहर निकली है. पूजा सिंघल पीएमएलए की जिस धारा में आरोपित है उसमें अधिकतम सात साल की सजा का प्रविधान है. इसके अनुसार से वह एक तिहाई सजा काट चुकी है.अगर आरोपित के कारण ट्रायल में देरी हो रही है तो उतनी अवधि घटाने का भी प्रविधान है. ऐसे में अब सबकुछ कोर्ट पर निर्भर करता है.