सिटी पोस्ट लाइव : बिहार के नए डीजीपी विनय कुमार को एसटीएफ ने बड़ी सलामी दी है.उनके डीजीपी बनाए जाने के कुछ घंटे के अन्दर एसटीएफ ने पटना में एक कुख्यात अपराधी को मुठभेड़ में मार गिराया है. एनकाउंटर में छपरा जिले के रहनेवाले मोस्ट वांटेड क्रिमिनल अजय राय उर्फ काका को मार गिराया. जक्कनपुर थाना के संजय नगर में रोड नंबर 10 में शुक्रवार की रात पुलिस और अपराधियों के बीच मुठभेड़ हुई. मुठभेड़ के दौरान दोनों तरफ से 12 राउंड से अधिक फायरिंग हुई. एसटीएफ के इंस्पेक्टर दिवाकर को भी गोली लगी है. दिवाकर का इलाज एक निजी अस्पताल में चल रहा है.
STF के डीआइजी विवेकानंद के अनुसार सूचना मिली थी कि कुख्यात अजय राय संजय नगर इलाके में नाम बदलकर रह रहा है. वो किसी बड़ी वारदात को अंजाम देने की फिराक में है. टीम मौके पर पहुंची और अजय राय को सरेंडर करने को कहा. वहां अजय के अलावा दो और अपराधी थे.दोनों भाग गए, लेकिन अजय ने पुलिस पर गोली चला दी. उसके बाद एसटीएफ ने मोर्चा संभाला और गोलियां चलानी शुरू कर दी. अजय को चार गोली लगी.गंभीर हालत में अजय राय को एनएमसीएच ले जाया गया, जहां उसकी मौत हो गई.
कुख्यात अजय राय संजय नगर के इसी मकान में नाम बदल कर रह रहा था. अजय राय का लंबा आपराधिक इतिहास रहा है. बैंक डकैती, लूट के अन्य मामले में लंबे समय से पुलिस को इसकी तलाश थी. मौके से पिस्टल, मोबाइल फोन, 8 से 10 खोखे, अपराधियों के अन्य सामान और कपड़े बरामद किए गए हैं.एसटीएफ अजय राय को गिरफ्तार करने के पीछे लगी हुई थी. वह बार-बार ठिकाना बदल रहा था. पुलिस से बचने के लिए ही उसने पटना के जक्कनपुर थाना के संजय नगर रोड नंबर 10 में सविता देवी के मकान में 9 दिसंबर को किराए पर एक कमरा लिया था. उसने खुद को बिजली का ठेकेदार बताया और अजय राय की बजाय आकाश यादव के नाम से मकान लिया था. 10 दिसंबर से वह उस मकान में रहने लगा था.गुरुवार को उसने मकान मालकिन को अपना आधार कार्ड दिया था. उसके साथ वहां मो. साहिल और विकास नाम का युवक रह रहा था. दोनों कुख्यात अपराधी हैं. एसटीएफ को सूचना मिली की अजय राय संजय नगर में है. किसी बड़ी घटना को अंजाम देने के मकसद से यहां आया है. उसके बाद एसटीएफ ने मकान की घेराबंदी की.
अजय राय कुख्यात चंदन सोनार के ग्रुप से जुड़ा था. चंदन सोनार का अपहरण करने में सबसे बड़ा गिरोह है. इसी गिरोह ने दमन दीव के कारोबारी का अपहरण किया किया था और उन्हें छपरा में ही लाकर रखा था. फिरौती में 9 करोड़ लिए थे. अजय पर बैंक डकैती अपहरण का केस सारण और हरियाणा में भी दर्ज है.अजय राय के ऊपर सारण समेत कई जिलों में बैंक डकैती के 7 केस थे. इसके अलावा अपहरण का भी केस था. उस पर हरियाणा में भी लूट का केस था. उसने 3 साल पहले ही अपना गैंग बनाया था.