सिटी पोस्ट लाइव : 18 सितंबर से शुरू होनेवाले संसद के पांच दिन के विशेष सत्र को लेकर विपक्ष की धड़कन तेज है. विपक्ष को डर इसलिए है क्योंकि चुनावी साल है और मोदी कोई बड़ा चुनावी बम फोड़ सकते हैं.लेकिन लोकसभा सचिवालय की ओर से बुधवार को जारी बुलेटिन के अनुसार सत्र के दौरान संविधान सभा से लेकर आज तक संसद की 75 वर्षों की यात्रा, उपलब्धियों, अनुभवों, स्मृतियों और सीख पर चर्चा होगी. हालांकि, विपक्षियों को लगता है कि पर्दे के पीछे कहानी कुछ और है. उनके मुताबिक, बम आखिरी वक्त में फोड़ा जाएगा.कांग्रेस पार्टी के महासचिव जयराम रमेश रमेश ने कहा, ‘मुझे यकीन है कि विधायी ‘हथगोले’ हमेशा की तरह आखिरी क्षण में फूटने के लिए तैयार हैं. परदे के पीछे कुछ और है.’ उन्होंने यह भी कहा कि इसके बावजूद, I.N.D.I.A के घटक दल सीईसी विधेयक का डटकर विरोध करेंगे.
बुलेटिन के अनुसार, विशेष सत्र में चर्चा के अलावा चार विधेयकों का भी उल्लेख है. इनमें एडवोकेट संशोधन विधेयक 2023 और प्रेस एवं आवधिक पंजीकरण विधेयक 2023 राज्यसभा से पारित एवं लोकसभा में लंबित हैं.डाकघर विधेयक 2023 के अलावा मुख्य निर्वाचन आयुक्त, अन्य निर्वाचन आयुक्तों की नियुक्ति, सेवा शर्त विधेयक 2023 सूचीबद्ध है, जिसे पिछले मानसून सत्र में राज्यसभा में पेश किया गया था.
विशेष सत्र की शुरुआत पुराने संसद भवन से होगी और अगले दिन कार्यवाही नए भवन में होने की संभावना है. कार्य सूची अस्थायी है और इसमें अधिक विषय जोड़े जा सकते हैं. सरकार ने 18 सितंबर से शुरू होने जा रहे संसद के पांच दिवसीय विशेष सत्र से पहले 17 सितंबर को एक सर्वदलीय बैठक बुलाई है.संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर कहा, ‘इस महीने 18 सितंबर से शुरू होने वाले ससंद सत्र से पहले 17 सितंबर को शाम साढ़े चार बजे सभी दलों के सदन के नेताओं की बैठक बुलाई गई है.
कांग्रेस ने संसद के विशेष सत्र के एजेंडे की घोषणा के बाद बुधवार को कहा कि इसमें जो विषय शामिल किए गए हैं उनके लिए शीतकालीन सत्र का भी इंतजार किया जा सकता था. पार्टी महासचिव जयराम रमेश ने यह भी कहा कि उन्हें यकीन है कि पर्दे के पीछे कुछ और है. कांग्रेस नेता ने कहा कि विपक्षी गठबंधन ‘इंडिया’ के घटक दल निर्वाचन विधेयक का पुरजोर विरोध करेंगे.रमेश ने ‘एक्स’ पर पोस्ट किया, ‘अंततः सोनिया गांधी जी द्वारा प्रधानमंत्री को लिखे गए पत्र के दबाव के बाद मोदी सरकार ने 18 सितंबर से शुरू होने वाले संसद के पांच दिवसीय विशेष सत्र के एजेंडे की घोषणा करने की कृपा की है.’उन्होंने कहा कि फिलहाल जो एजेंडा प्रकाशित किया गया है, उसमें कुछ भी नहीं है और इन सबके लिए नवंबर में शीतकालीन सत्र तक इंतजार किया जा सकता था.