सिटी पोस्ट लाइव : महाराष्ट्र की तरह बिहार में JDU के साथ खेला होने का दावा बीजेपी और उसके सहयोगी दल कर रहे हैं. जबसे शरद पवार की पार्टी टूटी है, बीजेपी इस बात को हवा दे रही है कि नीतीश कुमार की पार्टी जेडीयू में फूट पड़ रही है.नीतीश कुमार ने अपने सभी विधायकों और सांसदों के साथ मीटिंग भी की. दरअसल जेडीयू और आरजेडी दोनों दलों में एक बड़ा वर्ग इस बात के पक्ष में है कि दोनों दलों का आपस में विलय हो जाए, और यह काम आम चुनाव से पहले हो जाए. इस प्रक्रिया में नीतीश कुमार नई पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष बनें और लोकसभा चुनाव भी लड़ें. बिहार की कमान तेजस्वी यादव को सौंप दी जाए. इस चर्चा के बीच जेडीयू के कई नेता असहज हैं. वे पार्टी में अपने भविष्य को लेकर चिंतित हैं.
बीजेपी इन्हीं नेताओं पर निशाना साध रही है. इनमें कुछ सांसद और विधायक भी हैं. गठबंधन नेताओं के अनुसार अभी इस बारे में कोई फैसला नहीं हुआ है. जब भी कोई पहल होगी, सभी नेताओं को विश्वास में लेकर ही आगे का काम किया जाएगा. ऐसे में बिहार में भी अगले कुछ दिन महागठबंधन के लिए बेहद अहम साबित होने वाले हैं.जेडीयू के नेताओं को लेकर बीजेपी की ओर से जो कुछ भी कहा जाए, नीतीश कुमार उकसावे में आने वाले नहीं है. उन्हें पता है कि कब क्या करना है. यही वजह है कि जेडीयू विधायकों और दिग्गज नेताओं से नीतीश ने स्पेशल मीटिंग की थी. नीतीश कुमार का ये सियासी अंदाज ही है कि वे अपने नफा-नुकसान का आकलन किए बगैर कोई कदम नहीं उठाते हैं.