बिहार में कब से प्रभावी हो जाएगा नया आरक्षण?

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सिटी पोस्ट लाइव : बिहार विधामंडल के दोनों सदनों से सर्वसम्मति से पारित आरक्षण  विधेयक पर राज्यपाल के हस्ताक्षर के साथ ही नया कानून प्रभाव में आ जाएगा.राज्यपाल के हस्ताक्षर की तिथि के बाद सरकारी नियुक्तियों में आरक्षित श्रेणी के अभ्यर्थियों को आरक्षण की बढ़ी हुई सीमा का लाभ मिलने लगेगा. फिलहाल यह विधेयक राज्यपाल राजेंद्र विश्वनाथ आर्लेकर के पास विचाराधीन है.सरकार को उम्मीद है कि सर्वसम्मति से पारित इन विधेयकों पर राज्यपाल जल्द हस्ताक्षर कर देंगे.सरकारी सेवाओं के अलावा शिक्षण संस्थानों के नामांकन में भी आरक्षण का दायरा बढ़ा दिया गया है. इन दोनों के अलावा विधानमंडल के शीतकालीन सत्र में पारित अन्य विधेयकों को भी राज्यपाल की मंजूरी के लिए भेज दिया गया है.

सेवाओं और नामांकन में आरक्षण सीमा बढ़ाने वाले विधेयकों की मंजूरी के साथ ही अनुसूचित जाति को 20, अनुसूचित जनजाति को दो, अति पिछड़ों को 25 और पिछड़ों को 18 प्रतिशत आरक्षण मिलने लगेगा. आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के लोगों को पहले से ही 10 प्रतिशत आरक्षण मिल रहा है.इस तरह राज्य की सेवाओं और सरकारी शिक्षण संस्थानों में अनारक्षित श्रेणी की 25 प्रतिशत सीटें बचेंगी. इन्हें भरने के लिए खुली प्रतिस्पर्धा होगी, जिसमें सभी वर्ग के अभ्यर्थी शामिल होंगे.

राज्य के महाधिवक्ता पीके शाही के अनुसार क्योंकि दोनों आरक्षण की सीमा का विस्तार राज्य की सेवाओं के लिए किया गया है, इसलिए राज्यपाल इसपर हस्ताक्षर करने के लिए सक्षम हैं. शिक्षण संस्थानों में नामांकन का विषय भी राज्य की सीमाओं से ही जुड़ा है. शाही ने कहा कि विधेयकों पर राज्यपाल के हस्ताक्षर के दिन से ही नया आरक्षण कानून प्रभावी हो जाएगा.

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