इस एक्सप्रेसवे से बिहार के इन जिलों का विकास, एक्सप्रेसवे कब तक होगा तैयार

इस एक्सप्रेसवे के निर्माण से इन जिलों का विकास होगा

Deepak Sharma

सिटी पोस्ट लाइव

बिहार: भारतमाला परियोजना का वाराणसी-कोलकाता एक्सप्रेसवे एक महत्वाकांक्षी ग्रीनफील्ड प्रोजेक्ट है। यह यूपी के वाराणसी से शुरू होकर बिहार और झारखंड के कई जिलों से होते हुए पश्चिम बंगाल के कोलकाता तक पहुंचेगा। इस एक्सप्रेसवे से आर्थिक विकास में तेजी आएगी और प्रमुख शहरों के बीच यात्रा करना अधिक सुविधाजनक होगा। 

बिहार के कैमूर जिले से प्रवेश

यूपी से गुजरने के बाद यह एक्सप्रेसवे बिहार में कैमूर जिले से प्रवेश करेगा। इसके बाद यह औरंगाबाद, रोहतास और गया जिलों से होकर 159 किमी की दूरी तय करेगा। इन जिलों से गुजरने से स्थानीय लोगों की बड़े शहरों तक पहुंच सरल हो जाएगी और क्षेत्र का विकास भी होगा। 

एक्सप्रेसवे की लंबाई होगी 610 किमी

बिहार के गया जिले से होते हुए यह एक्सप्रेसवे झारखंड में प्रवेश करेगा और फिर पश्चिम बंगाल के पुरुलिया जिले से होते हुए कोलकाता तक पहुंचेगा। इस एक्सप्रेसवे की कुल लंबाई 610 किमी है, और इसके बनने से यूपी, बिहार, झारखंड और पश्चिम बंगाल के प्रमुख शहरों के बीच बेहतर कनेक्टिविटी स्थापित होगी। छह लेन वाले इस एक्सप्रेसवे के कारण वाराणसी और कोलकाता के बीच यात्रा का समय 15 घंटे से घटकर सिर्फ 9 घंटे रह जाएगा। इसके साथ ही यात्रा अधिक आरामदायक और सुविधाजनक हो जाएगी। 

यह एक्सप्रेसवे कब तक  होगा तैयार

यह ग्रीनफील्ड एक्सप्रेसवे पुराने NH-19 (अब NH-12) के समानांतर चलेगा। यूपी के वाराणसी रिंग रोड को पश्चिम बंगाल के हावड़ा जिले में NH-16 से जोड़ा जाएगा। इस प्रोजेक्ट के 2026 तक पूरा होने की उम्मीद है।

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