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इतने कदम चलने से नहीं होगी असमय मौत.

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सिटी पोस्ट लाइव : कब मौत आ जाए कोई नहीं जानता.कोरोना के बाद तो स्थिति और भी खराब हुई है.नाचते गाते लोग अचानक मौत के आगोश में चल जा रहे हैं.समय से पहले होने वाली मौत को रोकने को लेकर एक रिसर्च सामने आई है.पहले के रिसर्च के अनुसार  रोजाना 10 हजार कदम समय से पहले मौत के जोखिम से बचाएगा.लेकिन  अब एक नई साइंटिफिक रिसर्च में दावा किया जा रहा है कि 10 हजार कदम नहीं बल्कि 8 हजार कदम ही पर्याप्त है.

साइंसडेली की एक रिपोर्ट ने इंटरनेशनल स्टडी का हवाला देते हुए कहा कि 8 हजार कदम समय पूर्व मौत के जोखिम से बचने के लिए पर्याप्त है. अधिकतम लोगों को 8 हजार कदम से ही लाभ मिलेगा. रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि पहले की रिसर्च में 10 हजार कदम चलने की बात का कोई वैज्ञानिक आधार नहीं है. अध्ययन में कहा गया कि धीरे-धीरे चलने की तुलना में तेज चलना अपेक्षाकृत बेहतर है. आप जितनी तेजी से चलेंगे, समय पूर् मौत का जोखिम उतना ही कम होगा. यह अध्ययन स्पेन में ग्रेनाडा यूनिवर्सिडैड के नेतृत्व में किया गया है. इसमें नीदरलैंड और अमेरिका के शोधकर्ता भी शामिल थे.

शोधकर्ताओं ने कहा कि अगर हम हार्ट संबंधी बीमारियों से होने वाली मौत के जोखिम को कम करने पर ध्यान दें तो यह 7000 कदम ही पर्याप्त है. अगर हम ऑवरऑल हेल्थ की बात करें तो यह 800 कदम पर्याप्त है. शोधकर्ताओं ने 1.1 लाख से अधिक प्रतिभागियों को शामिल करते हुए 12 अंतर्राष्ट्रीय अध्ययनों के डेटा का विश्लेषण किया. रिसर्च के मुताबिक प्रतिदिन लगभग आठ हजार कदम चलने से शीघ्र मृत्यु का जोखिम काफी हद तक कम हो सकता है. इसमें एक कदम की माप पुरुषों के लिए 76 सेंटीमीटर निर्धारित किया गया जबकि महिलाओं के लिए 67 सेंटीमीटर रखा गया. हालांकि आप कितनी स्पीड से चल रहे हैं, यह काफी मायने रखता है. धीरे-धीरे चलने की तुलना में तेज गति से चलने का अतिरिक्त लाभ मिलता है.

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