सिटी पोस्ट लाइव :पटना में जब कैमरा नहीं था, तब एक महीने में 1.33 करोड़ तक जुर्माना होता था. अब कैमरा लगते ही वसूली 7 करोड़ तक पहुंच गई है. एक साल में 14 करोड़ सालाना चालान करने वाली पटना की ट्रैफिक पुलिस अब दो महीने में ही उससे अधिक वसूली कर रही है.पार्किंग में फूड जोन चल रहे हैं, नो पार्किंग जोन के नाम पर 1.53 करोड़ वसूल लिए जा रहे हैं.लेकिन गाड़ी पर वीआईपी की नेम प्लेट है तो सब माफ है.
कहीं कार के नाम पर स्कूटर का चालान तो कहीं ऑटो के नाम पर बाइक का चालान कट रहा है. ट्रैफिक पुलिस की इस गलती के शिकार लोग कार्यालयों का चक्कर काट रहे हैं. गाड़ी किसी और की चालान किसी और के नाम कट रहा है. एक दिन में जितना ऑनलाइन चालान कट रहा है, उसमें 10% गलत चालान की शिकायत आ रही हैं. चालान तो ऑनलाइन हो रहे हैं, लेकिन ऑनलाइन शिकायत पर कोई काम नहीं हो रहा है.
एक तरफ जहां आम आदमी चालान से परेशान हैं. वीआईपी गाड़ियों o आज बी पूरी कट ई. पटना के मरीन ड्राइव पर पुलिस वालों की भी गाड़ियां नियम तोड़ती नजर आती हैं.वीआइपी गाड़ियाँ कैमरे से बेपरवाह स्पीड लिमिट की धज्जियाँ उडाती नजर आती हैं. ट्रैफिक पुलिस की मौजूद के बाद भी वीआईपी नंबर प्लेट वाली गाड़ियों का चालान नहीं काटा जाता.चालान से बचने के लिए अब गाड़ियों पर वीआईपी सिंबल लगाए जा रहे हैं. वीआईपी और पार्टियों के स्टीकर की डिमांड बढ़ गई है.
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