चिराग पासवान को चाचा पारस ने बता दिया बरसाती मेढक .
बोले- हाजीपुर से ही लड़ूंगा चुनाव , चिराग 'जैसे मेंढक टर्र-टर्र करता है... मेरी चल रही है तैयारी.
सिटी पोस्ट लाइव : चिराग पासवान के हाजीपुर से चुनाव लड़ने के दावे के बाद उनके चाचा और केंद्रीय मंत्री पशुपति पारस ने यह साफ कर दिया है कि हाजीपुर सीट से लोकसभा का चुनाव वही लड़ेंगे. चिराग पासवान के एनडीए का हिस्सा बनने पर उन्होंने कहा, ‘बुरे दिन में एनडीए गठबंधन की एकमात्र सहयोगी मेरी पार्टी रही है. जैसे मेंढक टर्र टर्र करता है, चुनावी बरसात में बहुत से लोग आएंगे और जाएंगे.’ पशुपति पारस ने अपने भतीजे चिराग पासवान को लेकर पत्रकारों से चर्चा के दौरान कहा कि उनको कहिए जहां ‘पासवान जी’ ने चुनाव लड़ने के लिए कहा था वहां जाकर जनता की सेवा करें. हाजीपुर से मैं ही चुनाव लड़ूंगा.
पशुपति पारस ने कहा कि वो पिछले एक साल से हाजीपुर से चुनाव लड़ने की तैयारी में जुटे हैं. लगातार जनता की सेवा में लगे हुए हैं. हाजीपुर का संगठन हो या पार्टी का संगठन हो 40 वर्षों से वो ही संभालते आये हैं.पशुपति कुमार पारस ने चिराग पासवान का बगैर नाम लिए हुए कहा कि बुरे दिन की एनडीए गठबंधन की एकमात्र सहयोगी हमारी पार्टी है. उन्होंने कहा कि 2014 में जब एनडीए गठबंधन में जब मैं गया था उस दिन से आज तक मैं एनडीए गठबंधन में हूं. मैं अभी घोषणा किया हूं कि मैं जब तक राजनीति में जिंदा रहूंगा एनडीए गठबंधन में रहूंगा और हाजीपुर के जनता की सेवा करूंगा.
पशुपति कुमार पारस ने स्पष्ट कहा कि हाजीपुर के लिए कोई दावेदार नहीं है. सब झूठा दावेदार हैं. जो दावेदार हैं उसको कहिए कि जहां से घोषणा किया था जीवन भर सेवा करेंगे वहां से जाकर सेवा करें. जो दावेदारी करता है उसका अपना क्षेत्र है जहां पासवान जी उसको हाथ पकड़ कर ले गए थे कि जिंदगी भर सेवा करेगा. यहां क्या है? पशुपति कुमार पारस ने कहा कि चिराग के पास दूसरा कोई विकल्प नहीं है. अस्थाई अस्थाई होता है और हम पुराने सहयोगी हैं. इधर जाता है, उधर जाता है मुझे बाएं दाहिने जाने की आदत नहीं है. जहां रहते हैं सीधे रहते हैं. विश्वास के साथ रहते हैं. आज तक मैंने किसी दल को, किसी व्यक्ति को धोखा नहीं दिया. उन्होंने कहा कि एनडीए में शामिल होने से क्या होगा. बरसात में जैसे मेंढक टर्र टर्र करता है.. पीला वाला मेंढक दिखेगा जहां-जहां नदी नाला रहेगा. चुनावी बरसात में बहुत से लोग आएंगे बहुत से लोग जाएंगे. मेला में बहुत लोग जाता है फिर भूल जाता है.
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