आज सुहागन महिलायें रखेंगी करवा चौथ का व्रत.

City Post Live

सिटी पोस्ट लाइव : आज करवा चौथ है. अखंड सुहाग के लिए  महिलाएं आज बुधवार को कार्तिक कृष्ण चतुर्थी के दिन करवा चौथ का व्रत करेंगी. सुहागन महिलाएं व्रत व उपवास कर पति के अच्छे स्वास्थ्य, दीर्घायु की कामना करती है.पौराणिक मान्यता के अनुसार, करवा नाम की एक स्त्री अपने पति के साथ तुंगभद्रा नदी के किनारे स्थित एक गांव में रहती थीं. उनके पति बुढ़े और निर्बल थे. एक दिन नदी के किनारे स्नान के दौरान मगरमच्छ ने उनका पैर पकड़ लिया. वह करवा कहकर अपनी पत्नी को पुकारने लगे. पति की पुकार सुन करवा वहां पहुंचीं. करवा के पतिव्रता धर्म का पालन करने से उनके सतीत्व में काफी शक्ति थी. करवा ने अपने पति के प्राण संकट में देख यमराज से प्रार्थना की. करवा के पतिव्रता होने के कारण यमराज ने उनकी प्रार्थना स्वीकार की और पूछा कि हे देवी आप क्या चाहती हैं.

 

इस पर करवा ने कहा कि मेरे पति के प्राण उस मगरमच्छ के कारण संकट में पड़े हैं. आप उसे मृत्यु दंड दे दीजिए. इसपर यमराज ने कहा कि मगरमच्छ की आयु अभी शेष बची है. तब करवा ने कहा कि यदि आपने उस मगरमच्छ को मृत्यु दंड नहीं दिया, तो मैं अपने तपोबल से आपको श्राप दे दूंगी. उसका साहस देख यमराज भी डर गए और मगरमच्छ को यमपुरी भेज दिया. साथ ही करवा के पति को दीर्घायु होने का वरदान दिया. उसी समय से करवा चौथ व्रत प्रचलन में आया.

 

करवा चौथ व्रत व पूजा-अर्चना के दौरान पवित्रता का खासा ध्यान रखा जाता है. इस दिन सुहागिन महिलाएं व्रत रखने का संकल्प लेकर पूजा के दौरान भगवान गणेश व भगवान कार्तिक को पीले फूलों की माला, लड्डू, केला सहित विभिन्न प्रकार के फल से भोग लगाने के उपरांत भगवान शिव-पार्वती को बेलपत्र व श्रृंगार की वस्तुएं अर्पित करती है.शुभकारी योग में पूजन में विघ्नहर्ता गणेश, शिव-पार्वती, कार्तिकेय, नंदी व चंद्रमा की पूजा अर्चना करने के बाद चंद्र को चलनी से देखने के बाद मह‍िलाएं अपने पति का दीदार करेंगी. व्रत सूर्योदय से आरंभ होकर चंद्रोदय तक रहता है.

 

महिलाएं रात्रि काल में चंद्रमा का दर्शन, पूजन एवं अर्घ्य देने के बाद पति के हाथ से जल से पीकर व्रत को पूर्ण करती हैं. करवा चौथ के दिन व्रती महिलाएं चंद्रमा के उदय होने का विशेष इंतजार करती हैं, क्योंकि चंद्रमा को अर्घ्य देने के बाद ही व्रत पूर्ण होता है.सुहागन महिलाएं प्रेम, त्याग व विश्वास के महापर्व में मिट्टी के करवे से रात्रि बेला में चंद्रदेव को जल से अर्घ्य देकर व्रत पूर्ण करेंगी. ज्योतिष आचार्य पंडित राकेश झा ने पंचांग के हवाले से बताया कि व्रत के दिन मृगशिरा नक्षत्र, परिघ, सर्वार्थ सिद्धि, शिव योग का सुयोग बना रहेगा.

Share This Article