सिटी पोस्ट लाइव :अबतक राजनीतिक दलों के लिए चुनावी रणनीति बनाने के लिए मशहूर प्रशांत किशोर आज से अपनी पार्टी बनाने जा रहे हैं. प्रशांत किशोर आज 2 अक्टूबर को गांधी जयंती के दिन पटना वेटेनरी कॉलेज ग्राउंड में अपने पार्टी की शुरुआत करने जा रहे हैं.अब प्रशांत किशोर का सामाजिक अभियान राजनीतिक पार्टी में तब्दील हो रहा है. दरअसल 2 मई 2022 को प्रशांत किशोर ने सामाजिक मुहिम के तहत जन सुराज की शुरूआत की थी
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2022 को पूरे बिहार में जनसुरज की मुहिम शुरु हुई थी, 16 मई 2022 को पटना शेखपुरा हाउस में कटिहार के 6 लोगों ने प्रशांत किशोर से मुलाकात की थी, जिसमें सत्यनारायण शर्मा, अजय शाह, राजेंद्र वर्मा, कलीमुद्दीन अंसारी, ललन सुल्तानिया, सरदार गुरमीत सिंह शामिल थे. इसके बाद इन लोगों ने खुद को जन सुराज मुहिम से जोड़कर अभियान की शुरुआत की थी. अब कटिहार, पूर्णिया, किशनगंज एवं अररिया में जन सुराज के लगभग 15 लाख फाउंडर मेंबर बन चुके हैं.
प्रशांत किशोर के विरोधियों का कहना है कि पार्टी बनने के बाद विधानसभा चुनाव में टिकट बंटवारे के बाद ही जनसुराज का बंटाधार तय है, ऐसे में कॉरपोरेट स्टाइल की यह पार्टी जमीन पर अपने आप को किस तरह साबित कर पायेगी, ये तो चुनाव के बाद ही पता चलेगा.आज स्थापना दिवस के दिन प्रशांत किशोर कितने लोगों को वेटेनरी कॉलेज मैदान में जुटा पाते हैं, सभी दलों की नजर इसी बात पर टिकी है.
निश्चित तौर जन सूराज के रूप मे पूरे बिहार के लोगों को राजनीति में एक नया विकल्प जरूर मिल रहा है. लेकिन, प्रशांत किशोर बिहार के राजनीति मे वर्षो से पक्ष-विपक्ष के रूप मे स्थापित कर चुके पार्टियों के बीच अपने पार्टी जनसुराज को सीमांचल के लोगों के बीच कैसे बेहतर साबित कर पाएंगे यह तो वक्त ही बता पाएगा. फिलहाल प्रदेश भर में राजद भले ही जन सुराज को भाजपा B टीम कहकर लोगों की भ्रमित करने की कोशिश करें लेकिन बिहार में प्रशांत किशोर भाजपा के लिए भी खतरे से ज्यादा खतरनाक साबित हो सकता है.
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