सिटी पोस्ट लाइव : बिहार में मॉनसून 2024 के कमजोर पड़ने से लोग गर्मी और उमस से परेशान हैं. पटना समेत कई जिलों में पानी का लेयर यानी जलस्तर नीचे चला गया है, जिसके चलते बोरिंग के पानी में या तो प्रेशर नहीं है. धान की फसल को पानी की फिलहाल सख्त जरूरत है. क्योंकि अगर अभी पानी नहीं मिला और धान बच भी गया, तो खेतों में हद से ज्यादा घास भी रहेगी.सोहनी का खर्च बहुत बढ़ जाएगा. लेकिन इस बीच मौसम विभाग की तरफ से राहतवाली खबर आई है.
पटना मौसम विज्ञान केंद्र के मुताबिक बिहार में सभी जिलों के लिए इस साल तक का मॉनसून कमजोर रहा. 1 जून से 28 जुलाई तक सामान्य से 33 फीसदी कम बारिश दर्ज की गई है.केवल किशनगंज जिले में 22 फीसदी अधिक बारिश दर्ज हुई है. मॉनसून की अक्षीय रेखा समुद्र तल से 1.5 किमी ऊपर बीकानेर, कोटा, दमोह, पेंडरा रोड और बालासोर होते हुए दक्षिण पूर्व की ओर बंगाल की खाड़ी तक जा रही है. बिहार के आसपास कोई मौसमी गतिविधियां नहीं बनी हुई है. जिसके कारण बिहार के एक-दो स्थानों पर हल्की बारिश का पूर्वानुमान है.
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