सिटी पोस्ट लाइव : पटना के राजीवनगर के नेपालीनगर के लोगों को कोर्ट से बड़ी राहत मिली है. पटना हाईकोर्ट ने उनके मकानों को तोड़ने की कार्रवाई को गलत ठहराया दिया है. जिला प्रशासन ने इन मकानों को अवैध मानते हुए पिछले साल 3 और 4 जुलाई को तोड़ डाला था. जिनके मकान टूटे थे, उनके बीच गुरुवार को हाईकाेर्ट के फैसले के बाद बहुत राहत मिली है. लेकिन आवास बोर्ड इस फैसले को चुनौती देने की तैयारी कर रहा है. बोर्ड के अधिकारियों के मुताबिक, अर्जित भूमि का मामला सुप्रीम कोर्ट तक गया था. सुप्रीम काेर्ट ने भू-अर्जन की प्रक्रिया को वैध मानते हुए सरकारी भूमि माना है.
जमीन के निबंधन पर रोक के बावजूद भूमाफियाओं और बिचौलियों से लोगों ने जमीन खरीदी. दीघा लैंड सेटलमेंट एक्ट 2010 और 2014 के तहत लोगों से आवेदन लिया गया. लेकिन, मूल जमीन के मालिकों ने आवेदन नहीं दिया. आवेदन देने वाले लोगों द्वारा वैध कागजात नहीं दिया गया इसीलिए अतिक्रमण हटाया गया. हाईकोर्ट के फैसले की समीक्षा की जा रही है. जल्द ही अपील दायर होगी.डीएम डाॅ. चंद्रशेखर सिंह ने भी कहा-हाईकोर्ट के आदेश का सम्मान है. लेकिन, इसके विरुद्ध अपील दायर करने की कार्रवाई की जा रही है. उधर, दीघा कृषि भूमि आवास बचाओ संघर्ष समिति की बैठक 4 जून को होगी. इसमें हाईकोर्ट के फैसले और आवास बोर्ड द्वारा उठाए जाने वाले कदम की समीक्षा होगी. अध्यक्ष श्रीनाथ सिंह ने कहा कि इसके बाद आमसभा में सबकी सहमति से आगे की रणनीति तय होगी.
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