दलितों की हत्या पर तेज हुई राजनीति, BJP के निशाने पर सरकार.

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सिटी पोस्ट लाइव : जैसे जैसे चुनाव करीब आता जा रहा है , राजनीतिक दलों की बेचैनी बढती जा रही है. सत्ताधारी दल हो या विपक्ष सभी जातीय समीकरण बनाने में जुटे हैं.एक तरफ महागठबंधन के नेता नीतीश कुमार बाहुबली नेता आनंद मोहन को जेल से रिहा कर राजपूत समाज को साथ करने में जुटे हैं वहीं बीजेपी महागठबंधन सरकार में दलितों और अति-पिछड़ों पर जुल्म अत्याचार बढ़ जाने का आरोप लगाया है.पूर्व मंत्री जनक राम कहा कि राज्य में जब से महागठबंधन की सरकार आई है, तब से सोची समझी रणनीति के तहत अनुसूचित जाति व जनजाति वर्ग के प्रबुद्ध लोगों की हत्याएं की जा रही है.

पूर्व मंत्री ने वैशाली जिले के लालगंज में राकेश पासवान की हत्या का जिक्र करते हुए कहा कि भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष सम्राट चौधरी के निर्देश पर पार्टी का एक प्रतिनिधिमंडल पूरी स्थिति की जानकारी जुटा करके लौटा है. प्रतिनिधिमंडल में पूर्व मंत्री रामप्रीत पासवान, विधायक लखीन्द्र पासवान और वैशाली जिला के प्रभारी सुबोध पासवान आदि शामिल थे.जनक राम ने कहा कि राकेश पासवान की 13 अप्रैल को उनके घर के सामने ही अपराधियों ने गोली मारकर हत्या कर दी. एक सप्ताह गुजर जाने के बाद भी अब तक इस मामले में किसी की गिरफ्तारी नहीं हुई है.उन्होंने कहा कि दूसरी ओर, घटना की सूचना मिलने के बाद आक्रोशित 14 लोगों को तोडफोड़ के आरोप में गिरफ्तार कर लिया गया. अन्य लोगों को परेशान किया जा रहा है.

राकेश पासवान के परिजनों को सुरक्षा और 25 लाख रुपये का मुआवजा दिए जाने की मांग करते हुए जनक राम ने कहा कि राकेश की पत्नी को पीडीएस की दुकान मिले, जिससे वह बच्चों का भरण पोषण कर सके.पूर्व मंत्री ने कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के गृह जिला नालंदा में भी दलित सेना से जुड़े मुन्ना पासवान की 13 अप्रैल को हत्या कर दी गई. विधायक लखीन्द्र पासवान ने कहा कि राज्य में अनुसूचित जाति व जनजाति लोगों की चुन-चुनकर हत्या हो रही है। राज्य सरकार चुप बैठी हुई है.

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