मोदी ने कहा कि गरीबों को उनके हाल पर क्यों छोड़ दिया गया? मोदी ने कहा कि जेलों में जगह नहीं है और अदालतें पहले ही मुकदमों के बोझ से दबी हैं। गरीब मुकदमे के चक्कर में और गरीब हो रहे हैं।
सिटी पोस्ट लाइव :बीजेपी के राज्यसभा सांसद सुशील मोदी ने बाहुबली नेता आनंद मोहन की रिहाई के लिए जेल कानून में किये गये संशोधन को आधार बनाते हुए शराबबंदी मामले में जेल में बंद लाखों गरीब लोगों को रिहा करने की मांग शुरू कर दी है.सुशील मोदी ने गुरुवार को कहा कि जब कुछ प्रभावशाली लोगों के गंभीर मामलों में सजायाफ्ता होने के बावजूद उनकी रिहाई के लिए जेल मैन्युअल को शिथिल किया जा सकता है, तब शराबबंदी कानून तोड़ने के सामान्य अपराध से जुड़े तीन लाख 61 हजार मुकदमे भी वापस क्यों नहीं लिए जा सकते हैं?
मोदी ने कहा कि जेलों में जगह नहीं है और अदालतें पहले ही मुकदमों के बोझ से दबी हैं।गरीब मुकदमे के चक्कर में और गरीब हो रहे हैं. ऐसे में शराबबंदी कानून तोड़ने वालों को आम माफी देने से सबको बड़ी राहत मिलेगी.राज्य सरकार ने शराब से जुड़े मामले तेजी से निपटाने के लिए स्पेशल कोर्ट का गठन क्यों नहीं किया? किसी मामले में स्पीडी ट्रायल क्यों नहीं हुआ?गरीबों को उनके हाल पर क्यों छोड़ दिया गया? गौरतलब है कि पिछले 16 साल से हत्या के मामले में जेल में बंद आनंद मोहन को परिहार पर छोड़े जाने की राज्य सरकार तैयारी कर रही है.बीजेपी आनंद मोहन की रिहाई का विरोध तो नहीं कर रही लेकिन उसी बहाने शराबबंदी कानून के तहत जेल में बंद लाखों गरीब लोगों की रिहाई की मांग जरुर कर रही है.
भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता मनोज शर्मा ने गुरुवार को जारी बयान में कहा है कि महागठबंधन सरकार की प्राथमिकता बदल गई है.राज्य सरकार की पहली प्राथमिकता अब अपराध और भ्रष्टाचार है. जदयू के प्रवक्तागण भाजपा पर अंगुली उठा रहे हैं, वो जरा आईना देख लें.केंद्र की नौ साल की सरकार में एक भी भाजपा नेता पर भ्रष्टाचार का कोई आरोप नहीं लगा. बिहार सरकार में रहे तो सभी भाजपा के नेता बेदाग रहे. जदयू के प्रवक्तागण अपने आप को पाक साफ बता रहे हैं, लेकिन ये बताएं कि उनके सहयोगी दल राजद के सुप्रीमो लालू यादव किस जुर्म में जेल गए थे और उन्हें क्यों दोषी करार दिया गया था?क्या वो किसी स्वतंत्रता संग्राम को लेकर जेल की सजा काट रहे थे. यह भी बताएं कि उनके उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ईडी और सीबीआइ में बार बार हाजिरी क्यों लगाने जा रहे हैं?