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पटना: तेजस्वी यादव ने बिहार की मौजूदा स्थिति को लेकर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर जमकर हमला बोला। उन्होंने कहा कि बिहार को अब एक नई दिशा की जरूरत है, जिसमें सभी समाज, जाति और धर्म के लोग एक साथ लेकर चलेंगे और एक नया बिहार बनाएं। उन्होंने जमीन की उपजाऊ स्थिति का हवाला देते हुए कहा, “अब समय आ गया है कि नया बीज बोया जाए ताकि आने वाली पीढ़ियों के लिए बेहतर फसल उग सके।”
तेजस्वी ने अपनी बात आगे बढ़ाते हुए कहा कि 20 साल से बिहार की जनता ने एडीए सरकार को मौका दिया है, इस दौरान नीतीश कुमार मुख्यमंत्री रहे हैं। उन्होंने कहा कि यह डबल इंजन की सरकार है, लेकिन बिहार को अभी तक विशेष राज्य का दर्जा नहीं मिला, जबकि प्रधानमंत्री मोदी ने कई बार इसका वादा किया था। दिल्ली विधानसभा चुनाव पर टिप्पणी करते हुए तेजस्वी ने कहा, “यह पहले से तय था कि इंडिया महागठबंधन केवल लोकसभा चुनाव के लिए बना था। बिहार में हम पहले से साथ हैं, लेकिन हमलोग ने अभी तक यह तय नहीं किया है कि दिल्ली चुनाव में हम लडेंगे या नहीं। इस पर विचार जारी है।”
नीती आयोग की रिपोर्ट का हवाला देते हुए तेजस्वी ने कहा, “अगर हम गरीबी, बेरोजगारी और पलायन की बात करें, तो बिहार देश के सबसे पीछे राज्यों में आता है। नीतीश कुमार को बिहार में शासन करते हुए 20 साल हो गए हैं, लेकिन बिहार की स्थिति में कोई बदलाव नहीं आया।” तेजस्वी ने नीतीश कुमार के ‘प्रगति यात्रा’ पर भी तंज कसते हुए कहा कि यह यात्रा नहीं, बल्कि ‘दूर्गति यात्रा’ बन चुकी है। उन्होंने कहा, “राजद के शासन के दौरान नौजवान खुशहाल थे, लेकिन अब उनकी दूरगति हो चुकी है।” तेजस्वी ने नीतीश कुमार पर आरोप लगाया कि वे अब केवल रिटायर्ड अधिकारियों से बिहार का शासन चला रहे हैं, और मुख्यमंत्री का काम अब महज दिखावा बनकर रह गया है।
तेजस्वी ने कहा, “सीएम का एक पुल चार-चार बार गिर जाता है, लेकिन उन्हें इससे कोई फर्क नहीं पड़ता। जब सदन में उनसे सवाल किया जाता है तो वे चुप्पी साध लेते हैं।” साथ ही कहा कि राजद 2025 में बिहार में सरकार बनाने का लक्ष्य रखा है और दावा किया कि 2020 में उनके साथ अन्याय हुआ था, जब उन्हें 6 से 7 सीटों का नुकसान हुआ। तेजस्वी यादव का यह बयान बिहार की राजनीतिक स्थिति को लेकर नए सवाल खड़े कर रहा है, और उन्होंने साफ किया कि उनका लक्ष्य बिहार को एक नई दिशा देना है।