सिटी पोस्ट लाइव : तेजस्वी यादव इसबार लोक सभा चुनाव में इंडिया गठबंधन में शामिल दलों को आँख मूंदकर सीट देनेवाले नहीं हैं.उनकी पार्टी बिहार में सभी 40 लोकसभा सीटों पर इंडिया गठबंधन में शामिल दलों की स्थिति जानने के लिए सर्वेक्षण करवा रही है.यह सर्वेक्षण इस बात को लेकर किया जा रहा है कि गठबंधन में शामिल जदयू, कांग्रेस राजद और लेफ्ट में किन-किन सीटों से किस पार्टी को लड़ना रहना चाहिए. सर्वेक्षण के लिए बाकायदा एक एजेंसी को जिम्मेवारी सौपी गई है. सर्वेक्षण के दौरान जाति गणना, पिछड़े वर्ग के लिए बढ़ाया गया आरक्षण पर भी फीड बैक लिया जा रहा है. यह माना जा रहा है कि कुछ दिनों में सर्वेक्षण पूरा कर इसकी रिपोर्ट सौंप दी जाएगी.
सर्वेक्षण दो स्तरों पर किया जा रहा है. सर्वेक्षण का जिम्मा एक स्वतंत्र एजेंसी को दिया गया है. इस सर्वेक्षण के माध्यम से पार्टी या जानने की कोशिश कर रही है कि किस सीट पर उसकी स्थिति कैसी है. खासकर उन सीटों पर जहां पार्टी का पहले से बड़ा वोट बैंक है. दूसरे स्तर पर यह सर्वेक्षण जिला स्तर पर पार्टी के अपने नेताओं द्वारा किया जा रहा है. इसमें इस बात की जानकारी ली जा रही है कि जातीय सर्वेक्षण के अलावा पिछड़े और दलितों के लिए आरक्षण सीमा को 65% तक बढ़ाये जाने के बारे में लोगों की क्या सोच है. पार्टी के स्थानीय नेता इस बात को भी जानने की कोशिश कर रहे हैं कि किस इलाके में कौन सी पार्टी अच्छा प्रदर्शन कर सकती है. यह भी जानने की कोशिश हो रही है कि प्रत्याशी किसी भी दल का उतरे तो उसका आकलन वाटर करेंगे या नहीं. इसके साथ ही जातीय आरक्षण पर फीडबैक भी नेता ले रहे हैं. कहा जा रहा है कि सर्वेक्षण रिपोर्ट को दिसंबर में ही अंतिम रूप दिया जाएगा.
सूत्रों की मानें तो सर्वेक्षण के दौरान यह भी पता लगाया जा रहा है कि अलग-अलग निर्वाचन क्षेत्रों में किस पार्टी को मैदान में उतारा जाना चाहिए. किस पार्टी का कहां पर अच्छा जनाधार है यह भी पता किया जा रहा है. गठबंधन सहयोगियों और विपक्षी दलों के मौजूदा सांसदों के बारे में भी फीडबैक इकट्ठा किया जा रहा है. वैसे बिहार की 40 में से कोई सीट राजद के पास नहीं है जबकि बिहार जदयू के पास 16 सांसद हैं. कांग्रेस का भी पहले से एक सांसद है.
पार्टी द्वारा कराए जा रहे हैं सर्वेक्षण का उद्देश्य न केवल पार्टी किसी की जीतने की संभावना के बारे में फीडबैक लेना है, बल्कि जदयू कांग्रेस और लेफ्ट जैसे सहयोगियों के साथ बातचीत के लिए एजेंडा भी सामने रखना है. दरअसल, इंडिया गठबंधन के जो सहयोगी पिछले कुछ दिनों से सीटों के बंटवारे को लेकर बातचीत की प्रक्रिया में लगे हुए हैं. हालांकि, बीच में पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव के कारण यह प्रक्रिया लगभग रुक सी गई थी. माना यह जा रहा है कि दिसंबर में 3 तारीख के नतीजे आने के बाद सीट बंटवारे पर बातचीत जोर पकड़ने लगेगी.