सिटी पोस्ट लाइव :: विधानपरिषद की सदस्यता समाप्त होने के बाद पत्रकारों से बातचीत में RJD के पूर्व विधान पार्षद सुनील कुमार सिंह ने कहा कि उन्हें अपना पक्ष रखने का मौका नहीं मिला.उनकी बर्खास्ती की पटकथा अप्रैल में ही मुख्यमंत्री आवास पर लिखी जा चुकी थी. दो व्यक्तियों को यह कार्य सौंपा गया था. जिसमें एक व्यक्ति को लोकसभा के टिकट और दूसरे व्यक्ति को उप सभापति का प्रलोभन दिया गया. विधान परिषद के नियमावली में किसी सदस्य की सदस्यता खत्म करने का कोई प्रावधान नहीं है. मिमिक्री करने से किसी सदस्य की सदस्यता नहीं जा सकती है.
सुनील सिंह (Sunil Singh) ने कहा कि आचार समिति की नोटिस के दौरान लोकसभा का चुनाव था और मैं सारण का प्रभारी बनाया गया था. लेकिन मुझे 12 मई को जबरन बुलाया गया. मैं समय पर पहुंचा, लेकिन मेरी बात नहीं सुनी गई. उन्होंने महिलाओं के खिलाफ बयान के मामले में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर भी कार्रवाई की मांग करते हुए कहा कि नीतीश कुमार ने सम्राट चौधरी को भी नहीं छोड़ा. मुरेठा तो चरण पर रखवाया ही, मुंडन भी करवा दिया.
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