लक्ष्य को पाने के लिए संघर्ष ही एकमात्र रास्ता : दिनेश झा ललन

Rahul K
By Rahul K

सिटी पोस्ट लाइव
बोकारो ।
स्थानीय ऑल हेवेन्स, चीरा चास में बैंक ऑफ इंडिया इम्पलाइज यूनियन झारखंड स्टेट के बोकारो अंचल के सदस्यों का एक दिवसीय बैठक संगठन के प्रदेश उपाध्यक्ष साथी नंदकुमार महाराज की अध्यक्षता में संपन्न हुई। बैठक में बैंक ऑफ इंडिया के बोकारो अंचल के बोकारो एवं गिरिडीह जिला के सुदूरवर्ती सभी शाखाओं के कर्मचारियों की जिसमें महिला सदस्यों की भी भारी संख्या में भागीदारी रही। बैठक का शुभारंभ अनुपमा कुमारी, सुषमा पांडे, सरिता कुमारी, मिताली, मेघा, निवारण मंडल, एवं राजहंस द्वारा इतनी शक्ति हमें देना दाता एवं हम होंगे कामयाब के गायन से हुआ।

इसके उपरांत बैंक ऑफ इंडिया इम्पलाइज यूनियन झारखंड स्टेट के सहायक सचिव नुरेंद्र कुमार दास के द्वारा स्वागत उद्बोधन एवं संचालन राकेश मिश्रा द्वारा किया गया। बैठक में मुख्य रूप से उपस्थित फेडरेशन ऑफ बैंक ऑफ इंडिया स्टाफ यूनियन्स के अखिल भारतीय महासचिव तथा बैंक ऑफ इंडिया इम्पलाइज यूनियन झारखंड स्टेट के महासचिव साथी दिनेश झा ललन ने उपस्थित सदस्यों को संबोधित करते हुए कहा कि आज फिर से ऐसी स्थिति उत्पन्न की जा रही है, जहां हम अपने अस्तित्व को बचाने के साथ-साथ बैंक को भी बचाने के लिए तथा इसे जनोंन्मुख बनाए रखने के लिए संघर्ष हेतु खड़ा होना पड़ेगा।

उन्होंने आगे कहा कि इसके लिए मानसिक रूप से पूर्णरूपेण संगठित होकर संगठन के नेतृत्व में सतक संघर्ष करना होगा, कारण संगठन का कोई विकल्प नहीं है आज बैंकों में जिन समस्याओं यथा ग्राहक सेवा संतोषप्रद नहीं होना, आए दिन ग्रहको को बैंक काउंटरों पर जूझते हुए दिखना साथ ही ग्राहकों के कार्य मनानुकूल नहीं होने से अनावश्यक कर्मचारियों पर उत्तेजित होना एवं कर्मचारियों पर भी अत्यधिक काम का दबाव होना, अति आवश्यक होने पर भी कर्मचारियों को अवकाश न मिल पाना साथ ही प्रावधान होने के बावजूद भी आग्रहानुसार स्थानांतरण नहीं होना, बैंकों में आधारभूत संरचना की कमी होना आदि से ग्राहकों एवं कर्मचारी दोनों को जूझना पड़ रहा है।

इन सभी समस्याओं का मूल कारण बैंकों में कर्मचारी संप संवर्ग में बहाली नहीं होना है। इस बहाली नहीं होने के पीछे भारत सरकार की वर्तमान नीतियां मूल रूप से जिम्मेवार हैं। जहां एक और बैंकों में लिपिक संवर्ग की संख्या घटाने की बात की जा रही है वहीं चतुर्थ वर्गीय श्रेणी में स्थाई बहाली को पूर्णतया बंद कर लेबर सप्लाई एजेंसी से अनुबंध पर इस श्रेणी का कार्य करने की बात तय की गई है। साथ ही बैंकों में एक साल के लिए अप्रेंटिस बहाली की भी बात तय कर ली गई है। स्थाई कार्यों के लिए इस प्रकार की बहाली से जहां एक ओर बहाल हुए कर्मियों का शोषण होगा वहीं बैंक के सुरक्षा के लिए अत्यंत ही घातक होगा। इन सब बातों को रोकने के लिए तथा बैंकों में स्थाई बहाली जल्द से जल्द कराने के लिए संघर्ष ही एकमात्र रास्ता है।

कारण न ही बैंक प्रबंधन इन बातों पर ध्यान दे रही है और ना ही भारत सरकार कुछ कर रही है। इसलिए राज्य कार्यकारिणी एवं फेडरेशन कार्यकारिणी बैठक में यह तय कर लिया गया है। यथाशीघ्र बैंक आफ इंडिया में झारखंड राज्य स्तर पर भी एवं अखिल भारतीय स्तर पर भी आंदोलन किया जाएगा। जिसमें हड़ताल भी शामिल है। अत: हमें इन सब आमजन विरोधी एवं श्रमिक विरोधी कार्यो का पुरजोर विरोध करना होगा तभी हम बैंक की स्थिति भी ठीक कर सकेंगे एवं अपनी जीविका भी बचा सकेंगे।

बैंक आॅफ इंडिया इम्पलाइज यूनियन झारखंड स्टेट के संगठन सचिव साथी है एस एन दास ने सभा को संबोधित करते हुए कहा कि आंदोलन का पहला चरण यह है कि आप समय से आऐं और समय से जाऐं अपने कार्यवधि में पूरी ईमानदारी से कम करें। आगे साथी दास नें सदस्यों को सूचित किया कि अपना आठवां त्रैवार्षिक अधिवेशन बोकारो स्टील सिटी में ही करने का निर्णय लिया गया है। इस अधिवेशन को हम सभी को मिलकर पूर्ण सफल करना है।

बैठक में धन्यवाद ज्ञापन प्रदीप झा ने किया बैठक में तारक बनर्जी, अरविंद कुमार सिंह, इंद्रजीत चौधरी, शाहबाज आलम, दीपक कुमार, शुभम दोस्त, दीपक लाल, चांदनी केडिया के साथ बैठक को सफल करने वालों में प्रमुख रूप से अजय कुमार, राजहंस विनय कुमार, श्याम कुमार, संदीप रवानी, विजय बांसफोड, प्रदीप कुमार, मिथुन कुमार, कृष्ण कुमार, रंजीत ने अपना योगदान दिया।

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