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पटना: जनकपुर, नेपाल के तराई क्षेत्र में स्थित एक ऐतिहासिक धार्मिक स्थल है, जो माता जानकी और प्रभु श्रीराम के विवाह से जुड़ी महत्वपूर्ण यादों का आज भी प्रतीक बना है। यहां स्थित जानकी महल के पास ही वह मंडप है, जहां त्रेतायुग में श्रीराम और माता जानकी का विवाह हुआ था। इस मंडप को अब स्थानीय प्रशासन और मंदिर प्रशासन के सहयोग से आधुनिक रूप में बेहतर तरीके से सजाया गया है, ताकि त्रेतायुग के वातावरण की सटीक कल्पना की जा सके।
इस मंडप में, प्रभु श्रीराम और माता जानकी दूल्हा-दुल्हन के रूप में सजे हुए दिखते हैं, जबकि उनके परिवार के सदस्य एक तरफ और उनके रिश्तेदार दूसरी तरफ विराजमान होते हैं। मंडप के खंभों पर तीनों लोक के देवी-देवताओं की मूर्तियां स्थापित की गई हैं, जो इस पवित्र विवाह में साक्षी बने थे। दर्शन के लिए यहां भारतीय मुद्रा में 10 रुपये का टिकट लिया जा सकता है।
इस स्थान की विशेषता यह है कि यह वही जगह है, जहां श्रीराम और माता जानकी का विवाह हुआ था। इसे बाद में एक मंदिर के रूप में पुनर्निर्मित किया गया है, जैसे पुराने घरों को समय के साथ फिर से बनाया जाता है। मंदिर के मुख्य पुजारी, धीरेंद्र कुमार झा के अनुसार, यह स्थान देवभूमि के रूप में जाना जाता है, क्योंकि यहां तीनों लोक के देवी-देवता इस पवित्र आयोजन में उपस्थित थे। उनका कहना है कि यहां दर्शन करने से व्यक्ति के पाप मिटते हैं और वह मानसिक शांति प्राप्त करता है।
यह स्थल धार्मिक आस्था का केन्द्र है, और इसे देखने से न केवल श्रद्धालुओं को आध्यात्मिक अनुभव होता है, बल्कि यह स्थल इतिहास और संस्कृति का भी महत्वपूर्ण धरोहर है।