सिटी पोस्ट लाइव : आज से बिहार के दस जिलों में बालू खनन शुरू हो जाएगा. इस बार नए बंदोबस्तधारियों के माध्यम से नई नीति के तहत नदी घाटों के छोटे-छोटे कलस्टर बनाकर नीलामी की गई है. बालू खनन नियम के अनुसार हो रहा है या नहीं, इसकी कड़ी निगरानी भी की जाएगी. बालू घाटों पर खनन की ड्रोन से निगरानी की जाएगी. बालू ढोने वाली गाड़ियों का निबंधन करवाकर उसमें जीपीएस लगाने, बालू के वजन के लिए घाटों पर धर्मकांटा लगाने, चेक पोस्ट बनाने, चालान काउंटर और चेकपोस्ट पर सीसीटीवी लगाने का निर्देश दिया गया है.
अवैध खनन को रोकने के लिए अधिकारियों की सम्मिलित टीम बनाई गई है. इसके साथ संबंधित जिलों के खनिज विकास अधिकारियों और खान निरीक्षकों को भी घाटों की जांच करने का निर्देश दिया गया है.बंदोबस्तधारी मानक के विरुद्ध तीन मीटर से अधिक या स्वीकृत क्षेत्र से बाहर तो खनन नहीं कर रहे, इन सारे बिंदुओं पर नजर रखी जाएगी. नियमों का पालन नहीं किए जाने पर खनन को अवैध घोषित कर बंदोबस्तधारियों के विरुद्ध विभाग कड़ी कार्रवाई करेगा. खान एवं भूतत्व विभाग के अनुसार, पटना, रोहतास, औरंगाबाद, जमुई, लखीसराय, भोजपुर, अरवल, गया, नवादा और बांका जिलों में बालू खनन की अनुमति दी गई है.
खनिज विकास पदाधिकारी अवैध खनन की सूचना मिलने पर ड्रोन या फिर मैनुअल ग्रिड पैटर्न तैयार कर खनन की लंबाई, चौड़ाई और गहराई व ऊंचाई का विवरण प्राप्त करेंगे. इस पूरी प्रक्रिया की विभाग फोटोग्राफी और वीडियोग्राफी भी कराएगा. सभी खनन पदाधिकारियों को निर्देश दिया गया कि जांच के दौरान सही तरीके से साक्ष्य और उसकी रिपोर्ट तैयार करें.जांच में अनियमितता पाए जाने पर उसकी फोटोग्राफी और वीडियोग्राफी कराई जाएगी जिसमें अक्षांश और देशांतर सहित समय और तिथि का अंकित रहना जरूरी होगा. इससे कोर्ट में साक्ष्य के रूप में पेश करने में आसानी होगी. न्यायालय में यह आसानी से बताया जा सकेगा कि यह फोटो और वीडियो कहां के हैं, कब बने हैं.
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