प्रशांत किशोर के सामने प्रत्याशी चयन को लेकर बवाल.
आपस में भीड़ गये कार्यकर्त्ता,लगे नारे और चली कुर्सियां, प्रशांत किशोर बोले-दबाव में काम नहीं करेगें.
बिहार के गया में प्रशांत किशोर की सभा में जमकर बवाल हुआ. प्रत्याशी चयन को लेकर मौके पर हंगामा हो गया. कार्यकर्ता बेकाबू हो गए-
सिटी पोस्ट लाइव : जन सुराज का गठन के अभी एक महीने भी पुरे नहीं हुए हैं लेकिन उसके टिकेट के लिए अभी से मारामारी मच गई है.बिहार के गया के बेलागंज विधानसभा उपचुनाव में प्रत्याशियों के चयन को लेकर प्रशांत किशोर की बैठक में शुक्रवार को जमकर बवाल हुआ. प्रशांत किशोर के सामने ही कार्यकर्ता बेकाबू होकर आपस में भिड़ गए. जिसको जो मिला तोड़फोड़ मचाने लगा. पीके माइक से कहते रहे कि दबाव न बनाएं लेकिन उग्र हो चुके लोगों ने तोड़ फोड़ शुरू कर दी.प्रशांत किशोर को बिना उम्मीदवार घोषित किये लौटना पड़ा.
गया के बेलागंज विधानसभा के उपचुनाव के प्रत्याशी के नाम को लेकर कार्यकर्त्ता आपस में भीड़ गये. जन सुराज ने बेलागंज से मुस्लिम प्रत्याशी को उपचुनाव में टिकट देने का ऐलान किया था. पार्टी की ओर से प्रशांत किशोर प्रेस कांफ्रेंस करके प्रत्याशी के नाम की घोषणा कर रहे थे, लेकिन इससे पहले देर शाम को बेलागंज विधानसभा क्षेत्र में अल्पसंख्यक समाज की एक बड़ी बैठक हुई, जिसमें हंगामा हो गया. बेलागंज से चुनाव लड़ने की ख्वाहिश रखने वाले नेताओं के सपोर्टरों ने हंगामा खड़ा कर दिया. उन्होंने नारे लगाए गए और कुर्सियां फेंकी. प्रशांत किशोर मंच से भाषण में कहते रहे दबाव नहीं बनाएं, हम दबाव में काम करने वाले नहीं हैं.
बेलागंज विधानसभा के उपचुनाव के लिए जन सुराज पार्टी ने चार नामों की दावेदारी पर चर्चा की थी. इन चार नामों में मो अमजद हसन, प्रो खिलाफत हुसैन, मो दानिश मुखिया और प्रो सरफराज खान थे. मंच से ही दानिश मुखिया ने अमजद हसन के सपोर्ट में उम्मीदवारी के लिए अपना नाम वापस ले लिया. सरफराज खान भी पीछे हट गए. अमजद हसन और खिलाफत हुसैन में ही किसी एक प्रत्याशी के नाम पर ही मोहर लगनी थी, इसी दौरान प्रशांत किशोर ने सभा से संबोधित करते हुए कहा के बेलागंज की जनता जिसमें सभी समुदाय के लोगों की सहमति बनी है की बेलागंज से अल्पसंख्यक समुदाय से किसी को प्रत्याशी बनाया जाए, इसमें खिलाफत हुसैन का नाम भी है, जिसको सुनने के बाद वहां पर अमजद हसन के समर्थक नारे लगाने लगे और हंगामा खड़ा हो गया,
हंगामे से नाराज प्रशांत किशोर ने कहा की वह दबाव में राजनीति नहीं करते हैं.बाद में अमजद हसन ने घोषणा कर दिया की वह पार्टी के लिए समर्पित रहेंगे और वह भी खिलाफत हुसैन के नाम का प्रस्ताव देते हैं, लेकिन इस दौरान हंगामा होता रहा और मंच से नाम फाइनल नहीं हो सका. प्रशांत किशोर ने कहा कि प्रेस कॉन्फ्रेंस में दोनों विधानसभा के प्रत्याशियों के नामों की घोषणा की जाएगी. बगैर सहमति बने ही भाषण देकर प्रशांत किशोर सभा से चले गए.
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