सिटी पोस्ट लाइव : आज दिल्ली में कांग्रेस के साथ आरजेडी की बैठक चल रही है.सीटों के बटवारे को लेकर आयोजित इस बैठक में क्या फैसला हुआ, इसकी औपचारिक घोषणा नहीं हुई है.लेकिन सूत्रों के अनुसार RJD और JDU के उम्मीदवार 17- 17 सीटों पर चुनाव लड़ेगें.कांग्रेस को महज 4 और और वाम दलों को केवल 2 सीटें मिलेगीं. अपने हर सीट पर मजबूत उम्मीदवार की तलाश में लालू यादव जुटे हुए हैं. कुछ ऐसी भी लोकसभा की सीटें हैं जिनपर जीत के लिए दमदार चेहरा न होने की स्थिति में पार्टी के लिए मुश्किल हो सकती है.
वैशाली सीट से 2019 में राजद ने यहां से रघुवंश प्रसाद सिंह को उम्मीदवार बनाया था. प्रसाद ने तीन लाख 29 हजार से अधिक वोट भी हासिल किए, बावजूद वे यहां से जीत नही पाए. लोजपा उम्मीदवार वीणा देवी यहां विजयी रहीं.अब रघुवंश प्रसाद रहे नहीं. ऐसे हालात में यहां से जिताऊ उम्मीदवार खोजना राजद के लिए आसान नहीं है. झंझारपुर की सीट से 2019 में राजद ने गुलाब यादव को प्रत्याशी बनाया था. मुकाबला जदयू उम्मीदवार रामप्रीत मंडल से था. मंडल ने उन्हें तीन लाख से अधिक मतों से पराजित कर दिया था.इस बार राजद-जदयू एक ही साथ हैं. इस कारण पार्टी को झंझारपुर की सीट से हाथ धोना पड़ सकता है. यह चर्चा भी है कि राजद को अगर सीट मिल भी जाती है तो उम्मीदवार बदल जाएगा.
मधेपुरा की सीट पर 2019 के चुनाव में शरद यादव राजद के उम्मीदवार थे. शरद यादव यहां की से हार गये थे. करीब सवा तीन लाख यहां से जदयू के दिनेश यादव जीते थे. शरद यादव अब दुनिया में नहीं हैं. इस कारण मधेपुरा की सीट को राजद की झोली से बाहर मान कर देखा जा रहा.बक्सर की सीट पर 2019 के लोकसभा चुनाव में पार्टी ने मौजूदा प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद सिंह को उम्मीदवार बनाया था. सिंह को साढ़े तीन लाख से अधिक वोट मिले. राजद के सामने भाजपा की यहां से तीसरी दफा जीत रोकने की चुनौती होगी. पार्टी की पहली पसंद इस बार भी जगदानंद सिंह हो सकते हैं, मगर बढ़ती उम्र के कारण शायद वो चुनाव लड़ने को तैयार न हो.
पाटलिपुत्र लोकसभा की सीट भी एक ऐसी ही सीट है. पाटलिपुत्र की सीट पर 2019 में लालू-राबड़ी की पुत्री मीसा भारती पार्टी की उम्मीदवार थी जिनका मुकाबला भाजपा के रामकृपाल यादव से था. मीसा भारती को रामकृपाल के मुकाबले करीब तीस हजार कम वोट मिले. मीसा भारती वर्तमान में राज्यसभा की सदस्य हैं. ऐसे में पाटलिपुत्र की सीट पर पार्टी के उम्मीदवार को लेकर संशय बरकरार है.बांका हमेशा राजद की झोली भारी करने वाला क्षेत्र रहा. राजद के जयप्रकाश यादव चुनाव भी जीतते रहे हैं. पर 2019 वे जदयू के गिरधारी यादव से पराजित हो गए. इस बार राजद को इस सीट का मोह त्यागना पड़ सकता है.
सारण से पिछली दफा राजद ने चंद्रिका राय को उम्मीदवार बनाया था. इस बार लालू परिवार के किसी सदस्य को उतारे जाने के कयास लग रहे हैं. बेगूसराय की सीट पर राजद पिछली दफा त्रिकोणात्मक संघर्ष में घिर गया था. उसे तीसरे नंबर पर संतोष करना पड़ा था. राजद के साथ ही सीपीआइ सिंबल पर कन्हैया भी यहां से उम्मीदवार थे। कन्हैया अब कांग्रेस में हैं.
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