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पटना। बिहार की राजनीति में एक बार फिर हलचल मच गई है। राजद के वरिष्ठ विधायक भाई वीरेंद्र ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को लेकर एक बड़ा बयान देते हुए कहा कि अगर सीएम नीतीश कुमार सांप्रदायिक ताकतों को छोड़कर महागठबंधन में आते हैं, तो हम उनका स्वागत करेंगे। यह बयान बिहार की सियासत में नया मोड़ ला सकता है, खासकर तब जब यह माना जा रहा है कि एनडीए में सब कुछ ठीक नहीं चल रहा है और नीतीश कुमार एक बार फिर पलटी मार सकते हैं।
सीएम नीतीश कुमार का करेंगे स्वागत
खगड़िया यात्रा पर निकले राजद विधायक भाई वीरेंद्र ने पत्रकारों से बातचीत में कहा, “राजनीति परिस्थिति का खेल है, और हो सकता है बिहार में कुछ बड़ा बदलाव हो जाए। अगर नीतीश कुमार सांप्रदायिक ताकतों को छोड़कर महागठबंधन में आते हैं तो हम उनका स्वागत करेंगे।”
अरविंद निषाद का बयान
भाई वीरेंद्र के इस बयान के बाद राजनीतिक पारा चढ़ गया है। भाजपा और जदयू नेताओं ने इस पर पलटवार करते हुए राजद की मंशा पर सवाल उठाए। जदयू प्रवक्ता अरविंद निषाद ने कहा, “हम भाई वीरेंद्र के बयान को गंभीरता से नहीं लेते। बिहार की जनता ने महागठबंधन को नकारा है, और एनडीए को अपार समर्थन दिया है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार एनडीए के साथ रहकर बिहार का विकास करेंगे, इसलिए वे राजद में क्यों जाएंगे?”
कुंतल कृष्ण का राजद पर पलटवार
भाजपा प्रवक्ता कुंतल कृष्ण ने भी तीखा पलटवार किया। उन्होंने कहा, “जिस पार्टी में मुस्लिमों से राजनीतिक पूंजी कुछ नहीं है, वह हमें सांप्रदायिकता पर उपदेश देगी। नीतीश कुमार ने भारतीय जनता पार्टी के साथ मिलकर बिहार को बदहाली से निकालकर विकास की दिशा में काम किया है। 2025 के चुनाव के बाद भी नीतीश कुमार मुख्यमंत्री के रूप में शपथ लेंगे और बिहार में सुशासन की सरकार बनाएंगे।”
अब देखना यह होगा कि नीतीश कुमार के लिए यह प्रस्ताव कितना आकर्षक है और क्या वह सच में एनडीए को छोड़कर महागठबंधन का हिस्सा बनेंगे। बिहार की राजनीति में यह मुद्दा 2025 के चुनाव से पहले एक बड़ा सवाल बन सकता है।