सिटी पोस्ट लाइव : बिहार में नियोजित शिक्षकों के लिए एक और अच्छी खबर है.राज्यकर्मी का दर्जा तो उन्हें मिल ही गया है साथ ही सक्षमता परीक्षा पास नहीं करने वाले नियोजित शिक्षकों की नौकरी जाने का खतरा भी ख़त्म हो गया है. सक्षमता परीक्षा पास नहीं करने वाले नियोजित शिक्षकों की सेवा समाप्त नहीं किये जाने की शिक्षकों की बड़ी मांग सरकार ने मान ली है.दरअसल,ड्राफ्ट में पहले यह प्रविधान था कि राज्यकर्मी बनने के लिए नियोजित शिक्षकों को सक्षमता परीक्षा पास करनी होगी और इसके लिए उन्हें तीन अवसर दिए जाएंगे. तीनों अवसर में सक्षमता परीक्षा पास नहीं करने नियोजित शिक्षक की सेवा समाप्त की जाएगी.
इस प्रावधान से वैसे शिक्षक परेशान थे जो नियोजित शिक्षक थे, जो आने वाले कुछ वर्षों में ही सेवानिवृत्त होने वाले हैं.राज्य मंत्रिमंडल से अब विशिष्ट शिक्षक नियमावली को स्वीकृति मिल गई है. इसके बाद वैसे नियोजित शिक्षकों ने राहत की सांस ली है. जो सक्षमता परीक्षा के तीनों अवसरों में फेल होने पर सेवामुक्ति के प्रविधान से परेशान थे. ऐसे शिक्षकों ने राहत की सांस इसलिए ली है कि सक्षमता परीक्षा के तीनों अवसरों में फेल होने पर सेवामुक्ति का ड्राफ्ट वाला प्रावधान नियमावली में नहीं है. यानी स्वीकृत नियमावली से उक्त प्रविधान को हटा दिया गया है.
शिक्षा विभाग के एक उच्च पदस्थ अधिकारी ने बताया कि नियमावली में किए गए प्रविधान के मुताबिक सक्षमता परीक्षा में शामिल नहीं होने वाले या दिए जाने वाले तीन अवसरों में पास नहीं करने वाले नियोजित शिक्षकों के मामले में राज्य सरकार के शिक्षा विभाग द्वारा कमेटी गठित की जाएगी. कमेटी ही ऐसे नियोजित शिक्षकों के मामले में अपनी अनुशंसा करेगी.यह इस बात का स्पष्ट संकेत है कि सक्षमता परीक्षा में शामिल नहीं होने वाले या दिए जाने वाले तीन अवसर में पास नहीं करने वाले नियोजित शिक्षकों की नौकरी नहीं जाने वाली है.
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