सिटी पोस्ट लाइव :JDU के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष आरसीपी सिंह बीजेपी में शामिल हो गए हैं. उन्हें दिल्ली के बीजेपी ऑफिस में केंद्रीय मानव संसाधन मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने पार्टी की सदस्यता दिलाई. बीजेपी में शामिल होने के बाद उन्होंने कहा कि मेरे लिए ये गौरव और गर्व का पल है.नीतीश जी बोलते हैं कि देश में कोई काम नहीं हो रहा है. वो आज देश कहां चला गया है और बिहार कहां खड़ा है? पहले नीतीश क्राइम से नरफत थी. उन्हें C से बहुत प्रेम है. और C से कुर्सी भी होता है. बिहार में आज 2005 से भी बुरे हालात हैं.
बिहार के मुख्यमंत्री के किसी जमाने में बेहद खास रहे सिपाहसलार JDU के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष आरसीपी सिंह आज बीजेपी के हो जायेगें.आरसीपी सिंह आज दिल्ली में बीजेपी की दस्यता लेंगे. कई महीनों से आरसीपी सिंह के बारे में अटकलें चल रही थी कि वह भारतीय जनता पार्टी में शामिल होने वाले हैं.आरसीपी JDU के राष्ट्रीय अध्यक्ष रह चुके हैं और केंद्र में इस्पात मंत्री रह रहे हैं. आरसीपी सिंह मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के ही गृह जिले नालंदा से आते हैं. आरसीपी वहां से लोकसभा चुनाव लड़ने की तैयारी में हैं.JDU छोड़ने के बाद नालंदा में सक्रिय हैं.
खबर के अनुसार आरसीपी सिंह भाजपा के दिल्ली ऑफिस में 1 बजे सदस्यता लेंगे. आरसीपी सिंह नीतीश कुमार के साथ लगभग 24 साल तक रहे थे. जब वह केंद्रीय मंत्री बने और उन्हें तीसरी बार राज्यसभा सदस्य बनाना था तो नीतीश कुमार की पार्टी जदयू ने उन्हें राज्यसभा के लिए नहीं भेजा. इसके बाद उन्हें मंत्री पद छोड़ना पड़ा. उसके तुरंत बाद ही आरसीपी सिंह ने जदयू की प्राथमिक सदस्यता से भी इस्तीफा दे दिया. तब से वह किसी पार्टी या दल में शामिल नहीं हुए.
रामचंद्र प्रसाद सिंह यानी RCP सिंह 1984 बैच के IAS अधिकारी रह चुके हैं. नीतीश कुमार के स्वजातीय हैं और उनके गृह जिले नालंदा के ही निवासी है. RCP उत्तर प्रदेश कैडर के IAS अधिकारी थे. नीतीश जब केंद्र में मंत्री बने तब उन्हें उत्तर प्रदेश से लाकर अपना सचिव बनाया.उसके बाद जब बिहार के मुख्यमंत्री की कुर्सी संभाली तो फिर से उन्हें उत्तर प्रदेश से बुलाकर अपना प्रधान सचिव बनाया. फिर नीतीश कुमार ने जदयू का सुप्रीमो भी RCP को बनाया था, लेकिन बाद में दोनों में दूरियां बढ़ गईं. नीतीश ने आरसीपी को दोबारा राज्यसभा नहीं भेजा इसकी वह से आरसीपी सिंह को केंद्रीय मंत्री का पद छोड़ना पड़ा.
जदयू ने 1 साल पहले उन पर भ्रष्टाचार का आरोप लगाया था. जदयू के कार्रवाई का आधार उनकी और उनके घर वालों की संपत्ति में वृद्धि बताई गई. दिलचस्प यह है कि संपत्ति का ब्योरा जदयू के नेताओं ने जुटाया था. उनके अनुसार आरसीपी और उनके घर वालों ने 2013 से 2022 तक नालंदा जिले में सिर्फ दो प्रखंड अस्थवां और इस्लामपुर में करीब 40 बीघा जमीन खरीदी थी.कई और जिलों में भी उनकी संपत्ति होने की बात कही गई थी. पार्टी ने इसे भ्रष्टाचार के मोर्चे पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के जीरो टॉलरेंस की नीति के खिलाफ माना है. अपने ही पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष के खिलाफ जांच करने और उनसे भ्रष्टाचार संबंधी सवाल जवाब करने वाली जदयू हालिया वर्षों में देश की पहली पार्टी थी. आरसीपी को कारण बताओ नोटिस जारी किया था. जिसके बाद आरसीपी सिंह ने सादे कागज पर इस्तीफा दिया था.