पटना: बिहार लोक सेवा आयोग (BPSC) की तरफ से BPSC परीक्षा में बरती गई अनियमितताओं की जांच, पारदर्शिता बरतने, और रीएग्ज़ाम कराने जैसी कई मांगों को लेकर प्रशांत किशोर ने आमरण अनशन शुरू कर दिया है। आज अनशन का दूसरा दिन है। प्रशांत किशोर के आमरण अनशन ने युवाओं और अभ्यर्थियों में एक नई ऊर्जा भर दी है।
प्रदर्शन के दौरान अभ्यर्थी लगातार आक्रोशित हैं। वे नारे लगा रहे हैं – “री–एग्जाम..हम लेकर रहेंगे! BPSC हाय हाय! BPSC कुछ तो शर्म करो – शर्म नहीं तो डूब मरो !
आंदोलन के दौरान माहौल इतना गर्म हो चुका है कि आयोग अब खुद को अभ्यर्थियों और प्रशांत किशोर की चुनौती के सामने घिरा महसूस कर रहा है। मैदान में डटे सैकड़ों युवा यह साफ कर रहे हैं कि अब उनकी लड़ाई किसी भी सूरत में रुकेगी नहीं।
सबसे हैरान करने वाली बात यह है कि कल यह कयास लगाए जा रहे थे कि प्रशांत किशोर को आधी रात में पुलिस गांधी मैदान से उठा ले जाएगी, पर ऐसा कुछ नहीं हुआ। फिर खबर आई कि प्रशासन वहां जमे लोगों पर बल प्रयोग करके उन्हें गर्दनीबाग में शिफ़्ट कर सकता है, लेकिन यह भी नहीं हुआ। सरकार और पुलिस-प्रशासन कोई भी कार्रवाई नहीं कर रहा। भारी संख्या में पुलिस बल को गांधी मैदान में तैनात रखा गया है, पर पुलिस अधिकारियों को किसी तरह की कार्रवाई न करने के निर्देश दिए गए हैं।
प्रशांत किशोर का आमरण अनशन जारी है। छात्र-छात्राओं का गांधी मैदान पहुंचना जारी है। नारेबाज़ी जारी है, लेकिन सरकार ऐसा कोई संकेत नहीं दे रही कि रीएग्ज़ाम कराने पर विचार चल रहा है या सरकार प्रशांत किशोर या प्रदर्शनकारी छात्र-छात्राओं से बातचीत करने की कोई योजना भी बना रही है। देखना यह है कि कौन पीछे हटता है।