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पटना: बिहार लोक सेवा आयोग (बीपीएससी) की परीक्षा रद्द किए जाने की मांग को लेकर प्रशांत किशोर आज से पटना के गर्दनीबाग में धरने पर बैठ गए हैं। इस कदम से राज्य में राजनीतिक हलचल तेज हो गई है। प्रशांत किशोर ने कल रात तक सरकार को 48 घंटे का अल्टीमेटम दिया था और चेतावनी दी थी कि यदि सरकार ने इस मामले में कोई ठोस कदम नहीं उठाया तो वह 2 जनवरी से धरने पर बैठ जाएंगे।
केंद्रीय और राज्य सरकार पर दबाव बनाने के लिए प्रशांत किशोर का यह धरना अब एक बड़ा मुद्दा बन चुका है। प्रशांत किशोर ने घोषणा की थी कि 1 जनवरी तक यदि सरकार ने इस दिशा में कोई पहल नहीं की तो वह 2 जनवरी से अनशन पर बैठेंगे। इस धरने में उनके साथ उनकी पार्टी के कई प्रमुख नेता भी शामिल हो रहे हैं, जो इस मुद्दे पर उनके साथ खड़े हैं। प्रशांत किशोर का कहना है कि यह धरना राज्य के लाखों युवाओं के लिए न्याय की लड़ाई है।
उनका मानना है कि बिहार लोक सेवा आयोग की परीक्षा में भारी अनियमितताएं हैं और इसके कारण राज्य के युवाओं का भविष्य अंधेरे में है। प्रशांत किशोर के इस आंदोलन को लेकर प्रशासन भी सतर्क हो गया है। गर्दनीबाग धरना स्थल की सुरक्षा व्यवस्था को मजबूत करने के लिए प्रशासन ने निर्देश जारी कर दिए हैं। धरना स्थल पर पहुंचते ही प्रशांत किशोर ने कहा, “यह सिर्फ एक परीक्षा का मुद्दा नहीं है, यह हमारे युवाओं के भविष्य का सवाल है।
मैं जब तक न्याय नहीं मिलेगा, तब तक यहां बैठकर आवाज़ उठाता रहूंगा।” प्रशांत किशोर का यह अनशन अब राज्यभर में चर्चा का विषय बन गया है, और इसे लेकर राजनैतिक और सामाजिक प्रतिक्रियाएं आना शुरू हो गई हैं। क्या बिहार सरकार इस मामले में कोई ठोस कदम उठाएगी, या प्रशांत किशोर का धरना और तेज होगा? यह सवाल अब हर किसी के दिमाग में है।
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