बीपीएससी अभ्यर्थियों के समर्थन में आमरण अनशन पर प्रशांत किशोर, कहा, निहत्था हूँ, चलवाइए लाठी

Deepak Sharma

सिटी पोस्ट लाइव

पटना: बीपीएससी परीक्षा में गड़बड़ी के ख़िलाफ़ आंदोलन कर रहे अभ्यर्थियों के समर्थन में जन सुराज के सूत्रधार प्रशांत किशोर गांधी मैदान में गांधी मूर्ति के पास आमरण अनशन पर बैठ गए हैं।

बता दें कि प्रशांत ने सरकार को 48 घंटे का अल्टीमेटम दिया था कि अगर 2 जनवरी की शाम तक कोई समाधान नहीं निकलता है, तो वे स्वयं धरने पर बैठेंगे, पर अब वे सिर्फ़ धरने पर नहीं बैठे हैं, बल्कि आमरण अनशन पर बैठ गए हैं।

आज शाम प्रशांत किशोर बड़े ही गोपनीय तरीके से एक टैक्सी में सवार होकर गांधी मैदान पहुंच गए। किसी को भनक तक नहीं लगी। वहां पहुंचकर प्रशांत किशोर अपनी टैक्सी में बैठे रहे और धीरे-धीरे हज़ारों की संख्या में अभ्यर्थी और जन सुराज के कार्यकर्ता गांधी मैदान पहुंच गए।

उनके वहाँ पहुँचते ही प्रशांत किशोर अचानक से अपनी टैक्सी से बाहर निकले और एलान कर दिया कि जब तक बीपीएससी अभ्यर्थियों की मांगें नहीं मानी जाती, तब तक उनका अनशन जारी रहेगा। प्रशांत किशोर ने कहा है कि वे छात्रों के लिए जान देने को तैयार हैं। प्रशांत किशोर ने कहा कि यह लड़ाई अब रीएग्ज़ाम की नहीं है। यह लड़ाई अब युवाओं और सरकार के बीच है और मैं इस लड़ाई को आगे बढ़ाऊंगा। प्रशांत किशोर से जब पूछा गया कि क्या आपको लगता है कि आमरण अनशन पर बैठने से सरकार आपकी मांग सुनेगी, तो प्रशांत किशोर ने कहा कि बिहार की आधी आबादी युवाओं की है। अगर बिहार की सरकार नहीं सुनेगी, तो एलेक्शन में सुना देंगे। प्रशांत किशोर ने कहा कि युवा ही तो चुनते हैं सरकार को। युवा चुनाव में सीएम को दिखाएंगे।

प्रशांत किशोर ने कहा कि पिछली बार जब तक मैं मार्च में रहा, तब तक लाठी नहीं चली, मेरे जाने के बाद बच्चों को पीटा गया। अब मैं यहाँ बैठा हूँ। सरकार मुझ पर लाठी चलवाए। मुझ पर लाठी चलवाने के बाद ही सरकार बच्चों को छु पाएगी।

प्रशांत किशोर ने कहा कि सरकार ने बच्चों को इतनी बुरी तरह से पीटा है कि लगभग 20 छात्रों का सिटी स्कैन हुआ है। छात्र यहां घायल हालत में भी पहुंचे हुए हैं। इतनी क्रूरता सरकार कर रही है। इसके बावजूद यह सरकार मूक और बधिर बनी हुई है। इसलिए मैं आमरण अनशन पर बैठा हुआ है। जब तक सरकार बात नहीं सुनेगी, तब तक बैठा रहूँगा। प्रशांत किशोर ने कहा कि यह लड़ाई पुलिस या किसी अधिकारी के खिलाफ नहीं है। यह लड़ाई सरकार और युवाओं के बीच की है। प्रशांत किशोर ने कहा कि बेरोजगार युवाओं को सरकार ने जो भत्ता देने का वादा किया था, वह क्यों नहीं दिया। प्रशांत किशोर ने कहा कि हम निहत्थे बैठे हुए हैं, आइए हमें मारिए लाठी। हम देखेंगे।

प्रशांत किशोर ने कहा कि सरकार ने बीपीएससी अभ्यर्थियों की मांग मानना तो दूर उनसे मिलने से भी इंकार कर दिया। अब हमारे सामने दूसरा कोई रास्ता नहीं था, सिवाय इसके कि हम महात्मा गांधी की मूर्ति के सामने बैठकर आमरण अनशन करें। प्रशांत किशोर ने कहा कि गांधी की बात करने वाले मुख्यमंत्री का असली चेहरा बिहार की जनता के सामने दिखे, इसके लिए हम यहां गांधी जी की मूर्ति के सामने आकर बैठे हैं।

प्रशांत किशोर ने कहा कि यह अनशन उस अहंकारी सरकार के खिलाफ हैं जिसके मुखिया नीतीश कुमार ने एक बार बच्चों से मिलना तक ज़रूरी नहीं समझा। छात्रों ने कहा कि एकबार सीएम मिल लें और कह दें कि रीएग्ज़ाम कराना संभव नहीं है, हम आंदोलन वापस ले लेंगे, पर सीएम ने एकबार बच्चों से मिलना तक ज़रूरी नहीं समझा।

बीपीएससी की 70वीं संयुक्त प्रतियोगिता (प्रारंभिक) परीक्षा 13 दिसंबर को हुई थी, जिसमें गड़बड़ी का आरोप लगाते हुए अभ्यर्थी पुनः परीक्षा कराने की मांग कर रहे हैं। प्रशांत किशोर के धरने से बीपीएससी अभ्यर्थियों का आंदोलन फिर से तेज हो सकता है।

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