प्रशांत किशोर की जान खतरे में, ठंड कर गई असर, डॉक्टरों ने दी चेतावनी, दहाड़े प्रशांत

Deepak Sharma

सिटी पोस्ट लाइव

पटना: गांधी मैदान में बापू प्रतिमा के समीप आज चौथे दिन आमरण अनशन पर बैठे प्रशांत किशोर का हेल्थ चेकअप किया गया। डॉक्टरों ने प्रशांत किशोर की गिरती सेहत पर चिंता जताई है। प्रशांत किशोर की जांच के बाद डॉक्टरों ने कहा कि ठंड असर कर रही है।

प्रशांत किशोर बिना कुछ खाए तीन दिनों से इतनी ठंंड में खुले आसमान में बैठे हैं। उन्हें डिहाइड्रेशन हो रहा है। डॉक्टरों ने कल ही उनके चेस्ट में ब्रोंकाइटिस के लक्षण पाए थे और उन्हें दवा लेना शुरू करने को कहा था, लेकिन प्रशांत किशोर ने दवा लेने से इनकार कर दिया।

आज प्रशांत किशोर ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि राहुल गांधी आएं और सत्याग्रह का नेतृत्व करें हमें कोई दिक्कत नहीं है, अगर राहुल गांधी को हमारे साथ बैठने में दिक्कत है, तो मैं सत्याग्रह छोड़ने के लिए भी तैयार हूं।

उन्होंने कहा कि नेता विरोधी दल तेजस्वी यादव आएं, नेतृत्व करें, अगर उनको मेरे साथ बैठने में दिक्कत है, तो मैं छात्रों के लिए सत्याग्रह छोड़ दूंगा, लेकिन छात्रों का निश्चित तौर पर फायदा होना चाहिए। प्रशांत किशोर ने घोषणा की है कि 51 सदस्यों की सत्याग्रह समिति बनाई गई है। सारे फ़ैसले अब यही 51 लोग लेंगे। प्रशांत किशोर ने अपना आमरण अनशन जारी रखने की बात कही है। प्रशांत ने कहा कि युवा सत्याग्रह समिति बनाई गई है। यह समिति सारे फ़ैसले लेगी।

डॉक्टरों ने कहा है कि उन्हें लगातार पानी पीना चाहिए। डॉक्टरों ने कहा है कि उन्हें ठंड से बचना चाहिए और लगातार पानी पीना चाहिए। ठंड में लगातार बैठना या सोना उनके स्वास्थ्य के लिए खतरनाक हो सकता है।

प्रशांत किशोर का आमरण अनशन आज चौथे दिन भी जारी है। आज सुबह-सुबह उन्होंंने अपने दिन की शुरुआत महात्मा गांधी के भजन रघुपति राघव राजा राम सबको सम्मति दे भगवान से की। कल पटना के जिलाधिकारी ने कहा था कि प्रशांत किशोर के आमरण अनशन को लेकर प्रशासन जल्द फैसला लेगा, लेकिन अभी तक कोई फैसला नहीं लिया गया है, उधर प्रशांत किशोर की हालत खराब होती जा रही है।

डॉक्टरों के बार-बार अनुरोध के बावजूद वे दवा लेने से इनकार कर रहे हैं। प्रशांत किशोर की मांग है कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार आंदोलन कर रहे बीपीएससी अभ्यर्थियों से एकबार मिल लें और उनकी मांगों को सुन लें। अगर मुमकिन हो, तो रीएग्ज़ाम कराएं, मुमकिन न हो, तो कम से कम मिलकर उनकी बात सुन लें, मैं आमरण अनशन खत्म कर दूँगा।

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