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पटना: प्रशांत किशोर ने नीतीश कुमार के नेतृत्व पर एक बार फिर तीखा हमला बोलते हुए कहा कि आज बिहार में चार सेवानिवृत्त अधिकारी राज्य की सत्ता चला रहे हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि इन अधिकारियों की सत्ता इतनी मजबूत हो गई है कि वे न तो विधायकों की सुनते हैं, न ही सांसदों की। यह बयान प्रशांत किशोर की नीतीश सरकार से नाराजगी को बयां करता है, जो दिन-प्रतिदिन और बढ़ती जा रही है।
प्रशांत किशोर ने कहा, “बिहार में आज अफसरों का जंगलराज चल रहा है, जहां नेताओं का कोई महत्व नहीं बचा है।” उनका आरोप था कि लालू यादव के शासनकाल में अपराधियों का जंगल राज था, जहां अपराधी रात के अंधेरे में लूटपाट करते थे, लेकिन अब नीतीश सरकार में अफसरों द्वारा ये लूटपाट दिनदहाड़े हो रही है। उन्होंने यह भी कहा कि नीतीश कुमार ने राज्य के संसाधनों का पूरी तरह से केंद्रीकरण कर दिया है, जिससे चुने हुए प्रतिनिधियों का अधिकार समाप्त हो गया है।
उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि बिहार में सत्ता पांच लोगों के हाथ में सिमट गई है, जिनमें से सभी अफसर थे, जिन्हें अब नीतीश कुमार ने सलाहकार बना दिया है। इस प्रकार, बिहार में आज अफसरशाही का वर्चस्व बढ़ गया है और नेताओं की भूमिका नगण्य हो गई है। प्रशांत किशोर का यह बयान न केवल नीतीश कुमार की कार्यशैली पर सवाल उठा रहा है, बल्कि बिहार की राजनीति में उथल-पुथल का संकेत भी दे रहा है।