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पटना: जन सुराज के प्रमुख प्रशांत किशोर ने अपना आमरण अनशन खत्म कर दिया है। इससे पहले उन्होंंने गंगा स्नान किया। प्रशांत किशोर पटना के एलसीटी घाट पर पहुंचे और फिर मां गंगा में डुबकी लगाई। इसके बाद प्रशांत किशोर ने अपना आमरण अनशन खत्म किया। एलसीटी घाट पर मौजूद BPSC अभ्यर्थियों ने उन्हें जूस और केला खिलाकर उनका आमरण अनशन खत्म कराया।
आमरण अनशन तोड़ने के बाद अब वे सत्याग्रह की अगले चरण की घोषणा करेंगे। बता दें कि प्रशांत किशोर दो जनवरी से अनशन पर हैं। अनशन के दौरान प्रशांत किशोर की तबियत भी खराब हुई। उन्हें मेदांता हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया। डॉक्टरों ने उन्हें अनशन तोड़ने की सलाह दी, पर प्रशांत किशोर नहीं माने। उन्हें मनाने के लिए उनकी पत्नी डॉ जाह्नवी दास को भी दिल्ली से पटना बुलाया गया, लेकिन प्रशांत किशोर नहीं माने।
प्रशांत किशोर लगातार एक ही बात दुहराते रहे कि हम कोई हठधर्मिता पर नहीं अड़े हैं, हमारी मांग बस इतनी है कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार एकबार बीपीएससी अभ्यर्थियों के प्रतिनिधिमंडल से मिल लें और उनकी बात सुन लें, मैं अनशन खत्म कर दूंगा। हालांकि, नीतीश कुमार तो अभ्यर्थियों से नहीं मिले, लेकिन राज्यपाल आरिफ़ मोहम्मद खान ने ज़रूर अभ्यर्थियों से मुलाकात की और उनकी पीड़ा को समझने का प्रयास किया। इसके बाद, राज्यपाल ने प्रशांत किशोर से अपना आमरण अनशन खत्म करने की अपील की।
प्रशांत किशोर ने अपना आमरण अनशन खत्म करने के बाद कहा कि छात्रों के प्रति सरकार संवेदनहीन रही है। बीपीएससी के छात्रों ने काफी समय सरकार को दिया। राज्यपाल से लेकर मुख्य सचिव तक ने छात्रों की समस्याएँ सुनी, मगर किसी ने कुछ नहीं किया। अब न्यायालय पर भरोसा है कि उन्हें न्याय मिलेगा। बिहार में सिर्फ छात्रों की समस्या की बात नहीं होगी। पूरे बिहार की समस्या को सुधारने के लिए मैं सत्याग्रह करूंगा। आज से मैं यहां से सत्याग्रह शुरू करने जा रहा हूं।
इस स्थल को बिहार सत्याग्रह आश्रम का नाम दिया गया है। बिहार में दबे पिछड़े लोगों को न्याय दिलाने के लिए आश्रम बनाया गया है। सरकार को रेंट देकर मैंने इस जगह पर बिहार सत्याग्रह आश्रम बनाया है। कोई भी पीड़ित आदमी यहां पर अपनी आवाज़ उठाने के लिए संघर्ष कर सकता है। बिहार सत्याग्रह स्थल पर 8 सप्ताह में 100000 युवाओं को जोड़कर प्रशिक्षित किया जाएगा। बिहार के लोगों को जागरूक करने के लिए उन युवाओं को प्रशिक्षित किया जाएगा।
प्रशांत किशोर ने कहा कि सरकार को हमसे डरने की जरूरत नहीं है। हम यहां पर रैली और धरना-प्रदर्शन नहीं करेंगे। सत्य का राज हो, लोकतंत्र पैदा हो, लाठी तंत्र समाप्त हो, इसलिए सत्याग्रह की शुरुआत की जा रही है।
आने वाले समय में 5000 लोगों के यहां पर रहने की व्यवस्था की जाएगी। छात्र यहां पर आकर पढ़ेंगे जो गंगा किनारे पढ़ते हैं। 20 तारीख से प्रशिक्षण कार्य शुरू होगा। मैं खुद यहां पर रहकर लोगों को प्रशिक्षित करूंगा।
होली तक प्रशिक्षण कार्यक्रम चला कर देखा जायेगा। न्यायालय पर हमें भरोसा है। फैसला छात्रों के हित में नहीं आया, तो हाईकोर्ट के बाद सर्वोच्च न्यायालय में जाऊंगा।
पटना पुलिस को प्रशांत किशोर ने दी खुली चेतावनी
पटना पुलिस और प्रशासन को प्रशांत किशोर ने खुली चेतावनी दी है। गांधी मैदान में छात्रों पर लाठी चार्ज करने की कार्रवाई के खिलाफ उन्होंने ह्यूमन राइट्स से लेकर कोर्ट तक जाने की बात कही है।
सीएम की मानसिक स्थिति की रिपोर्ट सार्वजनिक हो
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की मानसिक स्थिति की जाँच कराने की मांग प्रशांत किशोर ने की। उन्होंने कहा कि सरकार नीतीश कुमार के मानसिक स्थिति की रिपोर्ट को सार्वजनिक करे। नीतीश कुमार 13 करोड़ बिहार के लोगों का नेतृत्व कर रहे हैं। बिहार के लोगों को यह पता होना चाहिए कि उनकी मानसिक स्थिति कैसी है।