सिटी पोस्ट लाइव : जब जब चुनाव आता है राजनीतिक दल देश हित को टाक पर रखकर राजनीति शुरू कर देते हैं.अब पूंछ में हुए आतंकी हमले पर भी राजनीति शुरू हो गई है.RJD विधायक भाई वीरेंद्र ने पुंछ हमले को लेकर केंद्र पर सवाल उठाए हैं. उन्होंने इसे केंद्र की साजिश बताया है. भाई वीरेंद्र ने कहा कि जब-जब चुनाव नजदीक आता, केंद्र सरकार या तो पुलवामा या तो पुंछ में हुए हमले पर राजनीति करने लगती.उन्होंने कहा कि लगता है 2024 का चुनाव आने वाला है. पिछली बार पुलवामा मामले पर चुनाव हुआ. इस बार पुंछ हमले को उठाया जा रहा. ये पुलवामा में हुए हमले से मिलता-जुलता है.
RJD प्रवक्ता ने कहा केंद्र की NDA की सरकारह कभी मुसलमान का नारा देकर तो कभी सैनिकों पर हमला कराकर चुनाव लड़ती है. सैनिकों पर हमला हुआ है, यह बहुत दुखद बात है. ये हमला किन कारणों से हुआ है, केंद्र को इसकी जानकारी देनी चाहिए.उन्होंने आगे कहा कि केंद्रीय गृह मंत्री हर हफ्ते बिहार आ रहे हैं. लग रहा है कि यही लड़ाई लड़ने वाले हैं. बिहार की जमीन खिसकती दिखाई दे रही है तो यहां आग लगाने आ रहे हैं. फूट डालने आ रहे हैं.जिस तरह से अंग्रेजों ने फूट डालो राज करो की नीति अपनाई थी। उसी तरह बीजेपी ने भी अपनाया है. देश में आग लगाओ और सरकार बनाओ. बीजेपी के बड़े-बड़े नेता अपनी बेटियों की शादी मुसलमानों से कर रहे हैं. यह दोहरी नीति अपना रहे हैं.
गौरतलब है कि पुलवामा हमले पर जम्मू-कश्मीर के पूर्व राज्यपाल सत्यपाल मलिक खुलासे के बाद उनके समर्थन में JDU खड़ा हो गया है.पुलवामा अटैक पर मलिक के खुलासे के बाद उन्हें भ्रष्टाचार से जुड़े दो मामलों में सीबीआई का समन जारी हुआ. हालांकि, सीबीआई की ओर से इसकी आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है.इस मामले को लेकर JDU के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह ने ललन सिंह ने ट्वीट किया- मलिक साहब आप लड़ते रहें हैं, जो कायर हैं वे अपने विरोधियों पर सत्ता का इस्तेमाल करते हैं. उनको पता नहीं है कि देश की जनता सब देख रही है. आपने जिस दिन रहस्योद्घाटन किया उसी दिन से ऐसी संभावना थी.जम्मू-कश्मीर के पुंछ जिले में गुरुवार दोपहर करीब 3 बजे सेना के ट्रक पर आतंकियों ने फायरिंग की. इसके बाद ट्रक में आग लग गई, जिसमें झुलसकर 5 जवान शहीद हो गए.
नॉर्दर्न कमांड हेडक्वार्टर की ओर से जारी बयान में बताया गया कि जवानों को लेकर ट्रक भिंबर गली से पुंछ की तरफ जा रहा था. बारिश हो रही थी। विजिबिलिटी भी काफी कम थी. आतंकियों ने इसी का फायदा उठाया.