सिटी पोस्ट लाइव
पटना: बिहार लोक सेवा आयोग की 70वीं प्रारंभिक परीक्षा में एक बड़ी साजिश रची गई थी, जिसके बाद बिहार की राजनीति में हलचल मच गई है। 13 दिसंबर 2024 को पटना के बापू एग्जाम सेंटर पर जो कुछ हुआ, वह एक बड़े घोटाले की ओर इशारा कर रहा है। इस घटना का CCTV फुटेज सामने आने के बाद, प्रशासन ने अपनी कार्रवाई की बात कही है।
CCTV फुटेज में साफ देखा जा सकता है कि कुछ उपद्रवी परीक्षा हॉल में घुसकर अभ्यर्थियों से उत्तर पुस्तिकाएं छीन रहे हैं और उन्हें फाड़ रहे हैं। इसके साथ ही वे अटेंडेंस शीट को भी छीनकर फाड़ते हुए नज़र आ रहे हैं। यहां तक कि कुछ लोग क्वेश्चन पेपर का पैकेट लूटकर भागते हुए दिख रहे हैं। इस वीडियो ने बिहार में राजनीति को एक नया मोड़ दे दिया है और सभी राजनीतिक दलों ने सरकार पर आरोप लगाना शुरू कर दिया है।
नेताओं की प्रतिक्रिया
जदयू प्रवक्ता अंजुम मारा ने कहा, “बिलकुल, जांच हो रही है। दूध का दूध और पानी का पानी हो जाएगा।” वहीं भाजपा के प्रवक्ता प्रभाकर मिश्रा ने आरोप लगाया, “जांच के बाद सब कुछ स्पष्ट हो जाएगा। हम जानते हैं कि इसके पीछे कौन लोग हैं।”
वहीं राष्ट्रीय जनता दल के प्रवक्ता मृत्युंजय तिवारी ने इस हंगामे को सरकार की नाकामी बताया और कहा, “सरकार इस घटना को छुपाने के लिए इसे राजनीति का हिस्सा बना रही है। अब बिहार के छात्रों को इस सरकार से कोई उम्मीद नहीं है।”
कांग्रेस के प्रवक्ता ज्ञान रंजन ने इसे “मिस मैनेजमेंट” करार दिया और सरकार से स्वीकार करने की अपील की कि जो कुछ हुआ, वह उनकी नाकामी के कारण हुआ।
कोचिंग संस्थानों के खिलाफ होगी कार्रवाई
बिहार लोक सेवा आयोग की परीक्षा के प्रश्न पत्र लीक मामले में एक बड़ा खुलासा हुआ है। इस मामले में तीन कोचिंग संस्थानों की संलिप्तता सामने आई है। इन तीनों कोचिंग संस्थानों के खिलाफ अब कार्रवाई की जाएगी, साथ ही इनके संचालकों के खिलाफ वारंट भी जारी किए जाएंगे।
आर्थिक अपराध इकाई ने बताया कि जल्द ही इन संस्थानों के खिलाफ कोर्ट में कार्रवाई की जाएगी और उनके संचालकों की गिरफ्तारी की प्रक्रिया शुरू की जाएगी। इस मामले में आर्थिक अपराध इकाई के डीआईजी मानवजीत सिंह ढिल्लों ने कहा कि परीक्षा घोटालों से जुड़े किसी भी व्यक्ति को बख्शा नहीं जाएगा और सभी को कड़ी सजा दिलवाने के लिए जांच जारी रहेगी।
इस पूरी घटना ने बिहार के छात्र-छात्राओं और अभिभावकों में गहरा आक्रोश पैदा कर दिया है। यह मामला सिर्फ एक परीक्षा घोटाले तक सीमित नहीं है, बल्कि बिहार के शिक्षा और सरकारी तंत्र की साख पर भी बड़ा सवाल खड़ा कर रहा है। अब हर किसी की निगाहें इस पर हैं कि क्या बिहार सरकार इस साजिश की असली तस्वीर सामने ला पाएगी और जिम्मेदार लोगों के खिलाफ ठोस कार्रवाई करेगी।