17 से पितृपक्ष शुरू, गयाजी में 10 लाख आयेगें श्रद्धालू.
यहां पिंडदान करने से पितरों को सीधे होती है मोक्ष की प्राप्ति, अभी से बुकिंग हो गई शुरू.
सिटी पोस्ट लाइव : पितृपक्ष की शुरुआत 17 सितंबर से हो रही है. इस दौरान देश-विदेश के लाखों श्रद्धालु बिहार के गया जी पहुंचेंगे और अपने पितरों के मोक्ष की प्राप्ति के लिए पिंडदान करेंगे. अभी पितृपक्ष में लगभग डेढ़ महीने बाकी हैं लेकिन गया जी के पुरोहितों की देश-विदेश से बुकिंग शुरू हो गई है. गया जी में अलग-अलग राज्य और जिलों के लिए अलग-अलग पुरोहित है और उन जिलों के श्रद्धालु अपने पुरोहितों से संपर्क कर पितृपक्ष में आने के लिए रजिस्ट्रेशन करवा रहे हैं.
पितृपक्ष के महीने में देश-विदेश से लगभग 10 लाख श्रद्धालु गया जी पहुंचते हैं. लेकिन जिस हिसाब से पुरोहितों के पास बुकिंग हो रही है उससे अंदाजा लगाया जा रहा है कि इस बार श्रद्धालुओं की संख्या 10 लाख से अधिक हो जाएगी. देश ही नहीं बल्कि विदेशों से भी बुकिंग शुरू हो गई है और उसके लिए कई संगठन काम कर रहे हैं. विदेश से आने वाले श्रद्धालु इस्कॉन के माध्यम से गया जी पहुंचते हैं. विदेश से खास तौर पर रुस, यूक्रेन, अमेरिका, नेपाल जैसे देश के श्रद्धालु गया जी पहुंचकर पिंडदान करते हैं.
गया जी विश्व का एकमात्र ऐसी जगह है जहां भगवान विष्णु स्वयं विराजमान है और यहां पिंडदान करने से पितरों को सीधे मोक्ष की प्राप्ति होती है. पितृपक्ष के दौरान यहां श्रद्धालु 17 दिवसीय, तीन दिवसीय और एक दिवसीय पिंडदान करते हैं. यहां 8 सरोवर और 52 पिंड वेदियां हैं जहां तर्पण कार्यक्रम होता है. शास्त्रों में कहा गया है गया वो स्थान है जहां पिंडदान करने से 108 कुलों और आने वाली सात पीढ़ियों का उद्धार होता है. इस संबंध में गया पाल पंडा गजाधर लाल कटरियार बताते हैं कि 17 सितंबर से शुरू हो रही पितृपक्ष मेला को लेकर देश के हर राज्य और जिले से श्रद्धालुओं का बुकिंग अभी से ही शुरु हो गया है. इन्होंने बताया कि वैसे श्रद्धालु जो 17 दिनों का पिंडदान करते हैं वह अपने पुरोहितों से मिल रहे हैं.
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