सिटी पोस्ट लाइव : चिराग पासवान के एनडीए के साथ आने के बाद से केन्द्रीय मंत्री पशुपति पारस का राजनीतिक भविष्य दांव पर लगा गया है.चिराग पासवान हाजीपुर से हर कीमत पर चुनाव लड़ना चाहते हैं.सूत्रों के अनुसार बीजेपी की सहमति मिलने के बाद ही चिराग पासवान एनडीए में शामिल हुए हैं.लेकिन पशुपति पारस किसी भी कीमत पर हाजीपुर सीट छोड़ने को तैयार नहीं हैं. उनका कहना है कि चिराग के एनडीए में आने से हमें कोई फर्क नहीं पड़ता. दुनिया की कोई ताकत उन्हें हाजीपुर से चुनाव लड़ने से नहीं रोक सकती.उन्होंने कहा कि वो हाजीपुर छोड़ कर कहीं नहीं जायेगें.उन्होंने कहा कि चिराग पासवान तो जमुई से सांसद हैं फिर उनका हाजीपुर से दावा कैसे बनता है ? वे जमुई से लड़ें. चिराग ने तो जमुई की जनता से कहा था, हमेशा जमुई की सेवा करता रहूंगा. लेकिन अब जमुई की जनता के साथ विश्वासघात क्यों कर रहे?
इतना ही नहीं बल्कि पशुपति पारस तो लोक सभा की कम से कम पांच सीटें मिलने की उम्मीद भी लगाए बैठे हैं.उन्होंने कहा कि रालोजपा भाजपा की सबसे पुरानी और विश्वासी सहयोगी है. लेकिन अभी रालोजपा के 5 सांसद हैं, सिटिंग गेटिंग गो… फार्मूला पर 5 सीट तो उन्हें मिलना ही है. उन्होंने कहा कि -भाजपा की ओर से उनके पास कोई प्रस्ताव नहीं आया है.एक बार केंद्रीय गृह राज्यमंत्री नित्यानंद राय ने दोनों को एक साथ आने का फार्मूला दिया था. लेकिन भाजपा के राष्ट्रीय या राज्य स्तर के बड़े नेता ने इस संबंध में कोई बात नहीं की है.
पशुपति पारस ने चिराग के साथ उनका आना असंभव है.उन्होंने कहा कि दल टूटता है तो जुट जाता है, लेकिन जब दिल टूटता है तो जुट ही नहीं सकता. चिराग के साथ अब कोई समझौता नहीं हो सकता है. उन्होंने उदहारण देते हुए कहा कि दूध फट जाएं तो कितना भी इसे मथें, उससे मक्खन नहीं निकल सकता.उन्होंने चिराग की हैसियत बताते हुए कहा कि 18 हजार वोटर वाले तारापुर सीट के उपचुनाव में चिराग की पार्टी के उम्मीदवार की जमानत जब्त हो गई थी.उनके अपील पर पासवान समाज का वोट एनडीए को मिला था. कुशेश्वरस्थान में 70 हजार पासवान वोटर हैं, लेकिन यहां भी चिराग के उम्मीदवार की जमानत जब्त हो गई थी.