पंचकर्म से अब बच्चों के असाध्य बीमारियों का इलाज.
पटना के राजकीय आयुर्वेदिक कॉलेज अस्पताल में , नाश्ता-खाना से लेकर दवा तक मुफ्त
सिटी पोस्ट लाइव : असाध्य बीमारियों से जूझ रहे बच्चों के पंचकर्म विधि से ईलाज की सुविधा पटना के राजकीय आयुर्वेदिक कॉलेज अस्पताल में बाल बहाल हो गई है. बाल विभाग में फिलहाल 24 बच्चे भर्ती हैं.रोज 10-12 बच्चों का पंचकर्म से ईलाज हो रहा है. 15 साल के कम उम्र वाले बच्चों को ही भर्ती किया जाता है. विभाग के हेड डॉ. अरविंद कुमार चौरसिया ने बताया कि बाल पंचकर्म से असाध्य बीमारियों में काफी लाभ मिल रहा है.
बच्चों को पक्षाघात, शिरोपक्षाघात, ऑटिज्म, कुपोषण, कुपोषण की वजह से होने वाली बीमारियों का पंचकर्म से ईलाज संभव है. पंचकर्म कराने के दौरान भोजन, नाश्ता, दूध, दवा समेत सारी सुविधाएं अस्पताल द्वारा निःशुल्क उपलब्ध कराई जाती हैं. पैथोलॉजिकल जांच की सुविधा भी निःशुल्क है. अस्पताल के अधीक्षक डॉ. विजय शंकर पांडेय और उपाधीक्षक डॉ. धनंजय शर्मा के मुताबिक, जिन गंभीर बीमारियों का इलाज अन्य पैथी में नहीं है, उसका भी पंचकर्म से इलाज किया जा रहा है.
पटना के राजकीय आयुर्वेदिक कॉलेज अस्पताल में अबतक वयस्कों का ही पंचकर्म से हो रहा था. उनके लिए पंचकर्म विभाग में 49 बेड हैं. इसमें जोड़ों के दर्द, कमर दर्द, कंधे के दर्द (शोल्डर ज्वाइंट पेन) के साथ-साथ आंख की रोशनी लौटाने के लिए पंचकर्म विधि से तर्पण किया जाता है.यहाँ पंचकर्म से ईलाज करवा रहे मरीजों का कहना है कि उन्हें बहुत राहत मिल रही है.
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