सिटी पोस्ट लाइव :सुविधा-सुरक्षा व अधिकार-प्राधिकार आदिक से संबंधित अपनी 11 मांगों को लेकर राज्य के पंच-सरपंच सरकार के साथ आरपार के मूड में हैं. सोमवार को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को भेजे गये पत्र में अपनी मांगें नहीं माने जाने पर दिसंबर में सामूहिक त्यागपत्र दे देने का ऐलान कर दिया है. उससे पहले बिहार प्रदेश पंच-सरपंच संघ द्वारा गांधी जयंती पर दो अक्टूबर से न्याय यात्रा निकाली जाएगी.संघ के अध्यक्ष अमोद कुमार निराला के अनुसार वर्ष 2013 में विधान मंडल में मुख्यमंत्री से लेकर अपने आवासीय कार्यालय में वर्तमान पंचायती राज मंत्री मुरारी प्रसाद गौतम तक ग्राम कचहरी के हित में आश्वासन दे चुके हैं.लेकिन आजतक कोई सार्थक पहल नहीं हुई. ग्राम कचहरी के निर्देश का अनुपालन चौकीदार तक नहीं करते.
उनका कहना है कि न्यायालयों का बोझ कम करने में ग्राम कचहरियां सक्षम हैं, अगर कि सरकार सहयोग करे. हमने मुख्यमंत्री से ग्राम कचहरियों को अधिकार संपन्न बनाने का आग्रह किया है, अन्यथा पद पर बने रहने का औचित्य नहीं.न्याय यात्रा के समापन के बाद दिसंबर में पटना में संघ द्वारा विशाल प्रदर्शन होगा और राज्यपाल के समक्ष सामूहिक रूप से त्यागपत्र सौंप दिया जाएगा. उल्लेखनीय है कि प्रदेश में पंच-सरपंचों की संख्या 123044 है. सचिव, न्याय मित्र, प्रहरी व सफाई कर्मियों को जोड़कर ग्राम कचहरियों में कुल मानव बल 155282 है.
सरपंचों को मजिस्ट्रेट का अधिकार, पंच-सरपंच के लिए वेतन-भत्ता व पेंशन, ग्राम कचहरी में कंप्यूटर ऑपरेटर, चौकीदार, प्रहरी व सफाई कर्मियों की नियमित नियुक्ति, ग्राम कचहरी न्याय पीठ को पंचायत के विकास कार्यों की समीक्षा का अधिकार व छठे राज्य वित्त आयोग की राशि सीधे ग्राम कहचरियों को निर्गत किए जाने सहित 11 मांगों पर संघ सरकार से अमल चाहता है.