सिटी पोस्ट लाइव : लोकसभा चुनाव 2024 में बिहार में 40 सीटें जितने का लक्ष्य रखनेवाली बीजेपी के केन्द्रीय संगठन में केवल एक बिहारी नेता को जगह मिली है. बिहार में अगस्त 2022 में एनडीए से JDU के अलग होने के बाद बीजेपी 40 में से 10 लोकसभा सीट को कमजोर मानकर विशेष तैयारी कर रही है.2022 सितंबर में गृह मंत्री अमित शाह रैली करके लोकसभा चुनाव के तैयारी की शुरुआत कर चुके हैं. 10 महीने में पांच बार अमित शाह और एक बार बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा ने बिहार के विभिन्न जगहों पर रैली कर चुके हैं.लेकिन भाजपा के केंद्रीय संगठन में एकमात्र नेता ऋतुराज सिन्हा को ही स्थान मिला है.
उत्तर प्रदेश में जहाँ बीजेपी सबसे ज्यादा मजबूत है, वहां के 8 नेताओं को केंद्रीय संगठन में जगह दी गई है. लोकसभा में बिहार से कम सीटों वाले छत्तीसगढ़, राजस्थान को तीन, झारखंड, केरल, तेलगांना, पंजाब, दिल्ली के दो सदस्यों को स्थान दिया गया है. 2019 में JDU और LJP के साथ NDA 39 सीटें जितने में कामयाब हुई थी. लेकिन 2024 में JDU के अलग होने के बाद पहले 10 सीट नवादा, वैशाली, बाल्मीकि नगर, किशनगंज, सुपौल, मुंगेर, झंझारपुर, गया, कटिहार, पूर्णिया और बाद में बांका, सीवान, नालंदा, जहानाबाद सीट को कमजोर मानते हुए तैयारी कर रही है.
बिहार में 13 लोकसभा सीटों पर मुस्लिम वोटरों का प्रभाव है. जिसमें किशनगंज में 67 प्रतिशत, कटिहार में 38, अररिया में 32, पूर्णिया में 30, मधुबनी में 24, दरभंगा में 22, सीतामढ़ी में 2, पश्चिमी चंपारण 21, पूर्वी चंपारण 20 प्रतिशत हैं.बीजेपी ने अपना नया मुस्लिम चेहरा तारिक मंसूरी को बनाया है. वे उत्तर प्रदेश विधान परिषद के सदस्य हैं और अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के कुलपति रह चुके हैं. इससे पहले केंद्र और राज्य में महत्वपूर्ण पदों पर रहने वाले शहनवाज हुसैन बीजेपी के मुस्लिम चेहरा रहते थे.लेकिन 2014 में लोकसभा की सीट हारने के बाद और 2019 में भागलपुर सीट JDU के कोटे में चला गया. 2021 में वह विधान परिषद के निर्विरोध चुनाव जीतने के बाद उद्योग मंत्री बनाए गए थे.
Comments are closed.