सिटी पोस्ट लाइव : विपक्षी एकजुटता की शुक्रवार को महाबैठक में दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने मौका मिलते ही केंद्र सरकार द्वारा दिल्ली के मामले लाए गए अध्यादेश का विषय उठा दिया. इस मामले मे वह यह चाहते थे कि कांग्रेस अपनी स्थति स्पष्ट करे लेकिन कांग्रेस की ओर से इस पर कुछ कहा जाता कि तभी जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने बीच में हस्तक्षेप कर दिया. जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने बीच में हस्तक्षेप करते हुए यह कह दिया कि आज हमलोग यहां बड़े मुद्दे को लेकर जमा हुए हैं. किसी राज्य से जुड़े मसले विशेष पर बात नहीं होनी है.
उन्होंने कहा कि सभी राज्यों की अपनी-अपनी समस्या है, उनका अपना महत्व है, उस पर अलग से चर्चा होनी चाहिए. अरविंद केजरीवाल के साथ बैठक में मौजूद रहे पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान व आप के अन्य नेताओं को यह अच्छा नहीं लगा.अरविंद केजरीवाल का यह मुद्दा है कि सुप्रीम कोर्ट के फैसले के विरुद्ध केंद्र सरकार ने जो अध्यादेश लाया उस पर राज्यसभा मे होने वाली वोटिंग पर विपक्ष द्वारा केंद्र सरकार के निर्णय के खिलाफ वोटिंग की जाए.
गौरतलब है कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने सबसे पहले इस मसले पर अरविंद केजरीवाल का समर्थन किया था.इसके बाद केजरीवाल ने संमर्थन के लिए ममता बनर्जी, शरद पवार, उद्धव ठाकरे, अखिलेश यादव व हेमंत सोरेन से भी भेंट की. सभी ने उनके मुद्दे का समर्थन किया है. वहीं, कांग्रेस की कई प्रदेश इकाईयों ने इसे कांग्रेस आलाकमान पर छोड़ दिया है.अरविन्द केजरीवाल की पार्टी अगली बैठक में तबतक शामिल नहीं होने का फैसला किया है जबतक कि कांग्रेस अध्यादेश पर अपना स्टैंड क्लियर नहीं करेगी.