सिटी पोस्ट लाइव : विपक्षी गठबंधन I.N.D.I.A की स्टीयरिंग सीट पर बैठी कांग्रेस को सहयोगी दल अब आंख दिखाने लगे हैं. विपक्षी एकता के सूत्रधार बिहार के सीएम नीतीश कुमार की पार्टी जेडीयू के नेताओं का कहना है कि अब कांग्रेस को नीतीश की सलाह माननी चाहिए. गठबंधन में शामिल टीएमसी का कहना है कि कांग्रेस ने जमींदारी मानसिकता से पांच राज्यों में विधानसभा चुनाव लड़ कर देख लिया. अब उसे बंगाल की सीएम ममता बनर्जी की सलाह मान कर चलना चलना चाहिए. कांग्रेस के सामने सबसे बड़ा संकट है कि वह किसकी सलाह माने.
कांग्रेस ने विपक्षी गठबंधन I.N.D.I.A की बैठक 19 दिसंबर को बुलाई है. इससे पहले पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव परिणाम आते ही कांग्रेस ने आनन-फानन में 6 दिसंबर को बैठक बुलाई थी. लेकिन सीट बंटवारे को लेकर पहले से ही कांग्रेस से खार खाए समाजवादी पार्टी के नेता अखिलेश यादव ने बैठक में जाने से मना कर दिया. नीतीश कुमार और ममता बनर्जी ने भी अलग-अलग कारण बता कर बैठक में शामिल होने से इनकार कर दिया. अब कांग्रेस के वरिष्ठ नेता जयराम रमेश ने अगली बैठक की तारीख 19 दिसंबर तय कर दिया. बैठक में नीतीश कुमार और ममता बनर्जी का शामिल होना तो पक्का माना जा रहा है.
गठबंधन में शामिल सभी दल सीट बंटवारे के फार्मूला के साथ जाएंगे. जिन राज्यों में विपक्ष का जो दल बड़ी भूमिका में है, सीटों के बंटवारे की जिम्मेवारी उसे भले नहीं दी गई हो, लेकिन सीटों का फार्मूला बना कर ही उसके नेता बठक में जाएंगे. अपने को आला साबित करने के लिए कांग्रेस की गोल-गोल घुमाने वाली नीति पर अब किसी को भरोसा नहीं है. कांग्रेस भी पांच राज्यों में अपनी दुर्गति के बाद कोई बखेड़ा करने के मूड में नहीं है. टीएमसी और जेडीयू के नेता बार-बार कह रहे कि लोकसभा चुनाव में सफल होना है तो ममता बनर्जी और नीतीश कुमार की सलाह माननी ही होगी.
जेडीयू के नेता और बिहार सरकार में मंत्री विजय चौधरी का कहना है कि नीतीश कुमार ही गठबंधन का विश्वसनीय चेहरा हैं. नीतीश कुमार की कोशिशों का ही परिणाम है कि विपक्षी दल एकजुट हुए और I.N.D.I.A अस्तित्व में आया. तीन राज्यों में अकेले लड़ कर कांग्रेस देख चुकी कि एकला चल कर कोई फायदा नहीं होने वाला. विधानसभा चुनावों का मैसेज यही है कि विपक्षी दलों को एकजुट होकर भाजपा का मुकाबला करना पड़ेगा. उन्होंने दावे के साथ कहा कि नीतीश कुमार ही गठबंधन का विश्वसनीय चेहरा हैं.