सीटी पोस्ट लाइव : पंडित दीनदयाल उपाध्याय के जयंती समारोह में नीतीश कुमार के शामिल होने के बाद से बिहार की सियासत में हलचल बढ़ गई है. नीतीश कुमार भले इसे एक सामान्य शिष्टाचार बता रहे हैं लेकिन राजनीतिक गलियारे में नीतीश कुमार के इस कदम के सियासी मायने खोजे जा रहे हैं. दूसरी ओर बीजेपी के नेताओं ने भी नीतीश कुमार पर समारोह में शामिल होने के बाद भी तीखा हमला जारी रखा है. वहीं प्रशांत किशोर उर्फ पीके ने भी नीतीश कुमार पर पंडित दीनदयाल उपाध्याय के जयंती समारोह मे शामिल होने पर तीखा हमला करते हुए भविष्यवाणी भी कर दी है.
जन सुराज पदयात्रा के सूत्रधार प्रशांत किशोर ने नीतीश कुमार को घेरते हुए कहा कि 2015 में बिहार की जनता ने नीतीश को वोट किया, 2017 में ठग कर भाग गए. फिर वोट कीजिएगा फिर भागेंगे लिखकर रखिए. हम उनके साथ रहे हैं आप उनको नहीं जानते हैं, लेकिन हम उनको अच्छे से जानते हैं. पीके ने कहा, जो आदमी 17 सालों से मुख्यमंत्री रहा, 15 साल तो भाजपा के साथ रहा. अगर देश की राजनीति की थोड़ी बहुत आपको समझ है तो कानून देश में बनता है तो वो लोकसभा और राज्यसभा दोनों में पास होना होता है. राज्यसभा में भाजपा को बहुमत नहीं है.
प्रशांत किशोर कहते हैं कि राज्यसभा में बिल को पास कराने के लिए जुगाड़ लगाना पड़ता है. राज्यसभा में उप सभापति हरिवंश हैं जों नीतीश कुमार की पार्टी के MP हैं. उन्होंने NDA छोड़ने के बाद भी ये पद क्यों नहीं छोड़ा है. नीतीश कुमार ने राज्यसभा में बिल पास कराने के लिए अपने आदमी को बिठा रखा हैबिहार में गठबंधन बनाकर उनके द्वारा ठगने का उपाय कर रहे हैं.